ओडिशा में एंबुलेंस ना मिलने पर पत्नी के शव को कंधे पर ले जाने की घटना के बाद इस तरह की कई घटनाएं एक साथ प्रकाश में आईं। इस बार की घटना पंजाब के जालंधर की है, जहां समय पर एंबुलेंस ना मिलने पर गर्भवती महिला की डिलिवरी सड़क पर ही करानी पड़ी। महिला के पति का आरोप है कि कई बार फोन लगाने के बाद भी उन्हें एंबुलेंस नहीं मिल पाई। इसलिए पेशे से रिक्शा चालक पति गर्भवती पत्नी को रिक्शा पर ही लेकर अस्पताल की ओर निकल गया। रास्ते में तेज दर्द होने के कारण बीच चौराहे पर ही डिलीवरी करानी पड़ी। हालांकि बच्चे की जान नहीं बच पाई, और परिजनों का आरोप है कि एंबुलेंस समय पर आती तो बच्चे की जान बच सकती थी।
गुरुनानक पुरा के रहने वाले रिक्शाचालक ने कहा कि उसकी पत्नी को गर्भ ठहरा हुआ था। पत्नी को तेज दर्द हुआ तो उसने 108 एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन कई बार कोशिश करने के बाद भी बात नहीं हो पाई। पत्नी की हालत बिगड़ते देख वह उसे रिक्शा पर बैठाकर अस्पताल जाने लगा। प्रेस क्लब चौक के करीब पहुंचकर गर्भवती पत्नी को दर्द बढ़ गया। वहां कुछ महिलाओं ने दुप्पटे से ढंककर महिला की डिलीवरी कराई। वहीं अन्य राहगीरों ने फोन करके किसी तरह से सिविल अस्पताल से 108 एंबुलेंस को बुलाया।
एंबुलेंस महिला और बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंची, लेकिन तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी। महिला के पति ने बताया कि शादी के बाद यह उनका पहला बच्चा था, अगर एंबुलेंस समय पर पहुंच जाती तो उसके बच्चे की जान बच सकती थी। डिलिवरी में मदद करने वाली एक महिला सुमन ने बताया, “मैं यहां से गुजर रही थी तभी मैंने इन्हें दिक्कत में पाया और मदद के लिए आ गई। लड़का पैदा हुआ था, जो महिला के पेट में ही खत्म हो गया था। महिला की जान को खतरा था, लेकिन अब वो सुरक्षित है।”