शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी(एसजीपीसी) के अध्‍यक्ष अवतार सिंह मक्‍कड़ ने कश्‍मीर में रह रहे सिखों को हो रही समस्‍या के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा है। इससे पहले उन्‍होंने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता मीरवाइज उमर फारुक से भी इस समस्‍या को लेकर संपर्क किया था। मक्‍कड़ ने 27 अगस्‍त को खत लिखा। इसमें उन्‍होंने कहा, ”जम्‍मू कश्‍मीर में सिखों को कठिनाई हो रही है। विशेष तौर पर उग्रवादी उन्‍हें परेशान कर रहे हैं। इससे वे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इस संबंध में मैं सिखों के डेलीगेशन के साथ जल्‍द ही आपसे मिलना चाहता हूं।”

मक्‍कड़ ने कहा कि राजिंदर सिंह मेहता के नेतृत्‍व में एसजीपीसी डेलीगेशन कश्‍मीर गया था और 31 अगस्‍त को सिखों से मिला था। उन्‍होंने कहा, ”सिख संकट में हैं। उन्‍हें कश्‍मीर से जाने को मजबूर किया जा रहा है। यह जम्‍मू कश्‍मीर के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर बड़ा धब्‍बा होगा। इसलिए राज्‍य और केंद्र को तुरंत समस्‍या का समाधान करना होगा।” अभी तक मक्‍कड़ को पीएम की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है।

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मक्‍कड़ ने एक सवाल के जवाब में बताया, ”पिछले महीने मुझे कश्‍मीर से कई फोन आए थे। इनमें बताया गया कि उन पर भारत के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने का दबाव डाला जा रहा है। मैंने तुरंत हुर्रियत कांफ्रेंस नेता मीरवाइज फारुक से संपर्क किया। उन्‍होंने मुझे बताया कि सिखों पर दबाव नहीं डालने का मैसेज भेज दिया गया है। मुझे नहीं पता उस मैसेज पर काम हुआ या नहीं।”

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एसजीपीसी अध्‍यक्ष ने उम्‍मीद जताई है कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह‍ के नेतृत्‍व में जाने वाला सर्वदलीय डेलीगेशन सिखों की समस्‍याएं सुनेगा। रोचक बात है कि ऑल पार्टी सिख कॉर्डिनेशन कमिटी के चेयरमैन जगमोहन सिंह राना ने इस डेलीगेशन का बायकॉट किया है। कश्‍मीर जाने वाले एसजीपीसी डेलीगेशन के मुखिया मेहता ने बताया कि उन्‍हें राना के बायकॉट के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्‍होंने आगे कहाकि सुरक्षाबलों द्वारा कश्‍मीर में गुरुद्वारों पर किसी तरह के हमले की सूचना नहीं है।

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