पंजाब के मलेरकोटला में 24 जून को एक धार्मिक ग्रंथ को कथित तौर पर अपवित्र करने के मामले में राज्य पुलिस आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश यादव को सम्मन करेगी। दरअसल, इस मामले के एक मुख्य आरोपी ने आरोप लगाया कि दिल्ली के महरौली से विधायक यादव के कहने पर उसने ये हरकत की। दूसरी तरफ, आप विधायक और उनकी पार्टी ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले यह आप की छवि धूमिल करने की साजिश है। अरविंद केजरीवाल आज से पंजाब में तीन दिनों का प्रचार अभियान शुरू कर रहे हैं। संगरूर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रीतपाल सिंह थिंड ने कहा, ‘‘हम मलेरकोटला की घटना के संदर्भ में पूछताछ के लिए आप विधायक नरेश यादव को सम्मन करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि मलेरकोटला में धार्मिक ग्रंथ को अपवित्र करने के आरोपी से पूछताछ के दौरान विधायक का नाम आया।  थिंड ने दावा किया, ‘‘पूछताछ के दौरान यह खुलासा हुआ कि आरोपी ने उनसे :विधायक: मुलाकात की थी। आरोपी और विधायक के बीच फोन पर बातचीत भी हुई थी।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या इस घटना के पीछे के मास्टरमाइंड आप विधायक हो सकते हैं तो पुलिस अधिकारी ने कहा कि यादव से पूछताछ के बाद ही पता चलेगा। संगरूर पुलिस ने मलेरकोटला की घटना के संदर्भ में बीते 27 जून को विजय कुमार, नंद किशोर गोल्डी और गौरव को गिरफ्तार किया था। दिल्ली के रहने वाले आरोपी विजय ने कल पटियाला में दावा किया था कि उसने यादव के कहने पर इस घटना को अंजाम दिया। बीते 24 जून को धार्मिक ग्रंथ को कथित तौर पर अपवित्र करने की घटना के बाद हिंसा भड़क गई थी। लोगों ने अकाली दल की स्थानीय विधायक फरजाना निसारा खातून के घर पर हमला भी किया था।