हरियाणा के स्कूलों में कक्षा 6 से 12 तक नैतिक शिक्षा की किताबों में योग के महत्व के अलावा, भगवदगीतता और वेदों का सार भी पढ़ाया जाएगा। कुरुक्षेत्र में किताबों को रिलीज करने वाली भाजपा सरकार ने पाठ्यक्रम को लेकर RSS की विचारधारा वाले दीनानााि बत्रा से सुझाव मांगे थे। स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग के अधिकारियों समेत विशेषज्ञों की एक कमेटी ने किताबों को मंजूरी दी है। खट्टर सरकार हरियाणा में सत्ता में आने के बाद से ही स्कूलों में गीता पढ़ाए जाने के प्रस्ताव की बात करती रही है। दीनानाथ बत्रा ने सुझाव दिया था कि गीता के सभी अध्यायों का सार हर कक्षा में पढ़ाया जाना चाहिए।
किताबों में कई पाठ गीता की महत्ता को रेखांकित करते हैं। एक पाठ में गीता को दुनिया का ‘सबसे बेहतर’ धाार्मिक पाठ बताया गया है। गीता के अंश कई पाठों में इस्तेमाल किए गए हैं। किताबों में वेदों के कई अं श भी शामिल किए गए हैं। सभी किताबों के पहले पाठ में देवी सरस्वती की प्रार्थना शामिल की गई है। इसके बाद रामायाण, महाभारत और रामचरित मानस की कहानियां हैं। जीसस क्राइस्ट और गुरु गोविंद सिंह पर भी एक पाठ शामिल किया है।
किताबों में खगोलविद और गणितज्ञ आर्यभट्ट, वैज्ञानिक नागार्जुन, गणितज्ञ भास्कराचार्य और ब्रहमगुप्त भी किताब का हिस्सा हैं। प्रेरक महिलाओं जैसे मदर टेरेसा, रानी लक्ष्मी बाई, रानी दुर्गाावती और आईएएस अफसर इरा सिंहल का भी जिक्र है। किताबों में चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खां से जुड़े पाठों को भी शामिल किया गया है।