सौरभ पराशर और जगप्रीत सिंह दीप
चंडीगढ़ के आला पुलिस अधिकारियों की उस वक्त खूब किरकिरी हुई जब मृत और रिटायर्ड पुलिसकर्मियों का नाम ट्रांसफर पुलिसवालों की लिस्ट में डाल दिया गया। जानकारी के मुताबिक बीते सोमवार (24 सितंबर, 2018) को ऑटोमेटिक पर्सनल प्लेसमेंट सॉफ्टवेयर (APPS) के जरिए ट्रांसफर किए 2,500 पुलिसकर्मियों की लिस्ट जारी की गई। ट्रांसफर लिस्ट में गड़बड़ी की जानकारी सामने आने के बाद आला अधिकारियों के बीच बैठक हुई। इसमें सामने आया कि ऐसे 45 नामों को लेकर गड़बड़ी हुई। ये नाम या तो रिटायर्ड पुलिसकर्मियों के थे या उनकी पूर्व में मौत हो चुकी थी। हालांकि सोमवार को ही त्रुटि को सुधार लिया गया है। मामले में केंद्र शासित प्रदेश के डीआईजी ओपी मिश्रा ने बताया कि लिस्ट के बारे में जैसे ही गलती के बारे में जानकारी मिली इसे तुरंत ठीक कर लिया गया। उन्होंने बताया कि पिछले चार महीनों से सॉफ्टवेयर पर काम चल रहा था। और इस बात की काफी संभावनाएं है कि जब पुलिस विभाग के सर्विस रिकॉर्ड रूम से पुलिसकर्मियों के डेटा लिए जा रहे। तब ये पुलिसकर्मी ड्यूटी पर हों। हालांकि मामले में जांच की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक लिस्ट में जिन रिटायर्ड पुलिसकर्मी का ट्रांसफर किया गया उनमें हेड कांस्टेबल अंग्रेज सिंह (HC), सुरेंद्र कुमार (HC), राज बाला (HC), कांस्टेबल राम करम और अन्य शामिल हैं। सूत्रों से यह भी पता चल है कि बुध सिंह (HC), जिनकी नियुक्ति पंजाब पुलिस और तैनाती अमृतसर में हुई, उनका नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। रिटायर्ड पुलिसकर्मी अंग्रेज सिंह का ट्रांसफर पीसीआर से जिला पुलिस में किया गया। इसका मतलब यह है कि उनकी तैनाती पुलिस स्टेशन या पुलिस पोस्ट में की जाएगी। रिटायर्ड सुरेंद्र सिंह का ट्रांसफर ईस्ट डिविजन से चंडीगढ़ पुलिस मुख्यालय सेक्टर-9 में किया गया। इसके अलावा राज बाला का ट्रांसफर आईआरबी से जिला पुलिस में किया गया।
साइबर सेल की डीसीपी रश्मि यादव शर्मा और जिनकी देखरेख में सॉफ्टवेयर डेवलप हुआ, ने बताया कि हमने इस मामले में भूल सुधार पत्र जारी किया है। इसके अलावा रिटायर्ड और मृत पुलिसकर्मियों का हटाने के बाद लिस्ट को दोबारा अपडेट किया गया है। हमें ऐसे 45 नामों के बारे में पता चला है जिन्हें ट्रांसफर पुलिसकर्मियों की लिस्ट से हटाया गया है। बता दें कि APPS एप एक आईटी फर्म द्वारा डेवलप की गई है। इसका अनावरण केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर द्वारा 22 सितंबर को किया गया।

