करीब दो महीने पहले पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ने अपने विधायकों से वफादारी बॉन्ड भरने के आदेश दिए थे। अब कांग्रेस की पंजाब यूनिट भी इसी राह पर चल पड़ी है। पंजाब कांग्रेस ने 2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यह कदम उठाया है। पार्टी ने कहा है कि उनके उम्मीदवारों को एक ऐफिडेविट पर हस्ताक्षर करना होगा। जिसके अनुसार हस्ताक्षर करने वाले नेता को अगर चुनाव में नहीं उतारा जाता है तब भी वह पार्टी के खिलाफ नहीं जा सकता।

इंडियन एक्सप्रेस को मिली Attested Declaration की एक कॉपी के मुताबिक जीतने वाले विधायक को भी सदन में पार्टी के आदेशानुसार ही काम करना होगा। गौरतलब है कि 2012 में टिकट ना मिलना पर कई कांग्रेस नेताओं ने पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इस बार का ऐफिडेविट पार्टी के चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने तैयार किया है।

Attested Declaration की एक कॉपी

प्रशांत किशोर की टीम के एक सदस्य ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ” पंजाब में 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पंजाब कांग्रेस ने यह उम्मीदवारी ऐप्लीकेशन प्रशांत किशोर की मदद से तैयार की है। हालांकि फॉर्म भरवाने से लेकर, इकट्ठा करने और टिकट बांटने की प्रक्रिया पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी की टीम करेगी।”

ऐफिडेविट में लिखी घोषणा को एक गवाह के सामने हस्ताक्षर करना होगा। इसमें लिखा है, ” मैं वादा करता हूं कि अगर मैं कांग्रेस की ओर से किसी भी विधानसभा क्षेत्र के लिए नहीं चुना जाता, तो मैं किसी भी कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ किसी भी सीट से चुनाव नहीं लडूंगा और पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार को पूरी तरह समर्थन करूंगा।” आगे लिखा है, “चुनाव के बाद भी मैं पार्टी द्वारा बनाए गए सभी नियमों और दिए गए निर्देशों का पालन करूंगा ”

इसके आलावा उम्मीदवारों को यह भी खुलासा करना होगा कि क्या वह पहले पार्टी को छोड़ भी चुके हैं, अगर हां तो छोड़ने का कारण भी बताना होगा। उन्हें अपनी जाति, नाम और जिस विधानसभा क्षेत्र से वह चुनाव लड़ना चाहते हैं वहां के हर बूथ से दो-दो वोटरों के टेलीफोन नंबर्स देने होंगे। उम्मीदवारों को यह ऐप्लीकेशन 15 अगस्त तक भरकर वापस करनी होगी।