कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू शुक्रवार (19 अक्टूबर, 2018) को तब एक असुविधाजनक स्थिति में फंस गए जब उनका सामना सिविल हॉस्पिटल के बाहर अमृतसर ट्रेन हादसे में मारे गए वासू (17) के पिता विक्की संतोरा से हुआ। विक्की संतोरा घंटों से हॉस्पिटल के बाहर कांग्रेस नेता के इंतजार कर रहे थे और सिद्धू पीड़ितों का हाल जानने हॉस्पिटल पहुंचे थे, लेकिन दोनों की जब मुलाकात हुई तो जवाब मिला कि ‘बाद में बात करेंगे।’ बता दें कि सिद्धू धोबी घाट में जोड़ा फाटक ट्रेन हादसे के शिकार पीड़ितों से मुलाकात के लिए हॉस्पिटल पहुंचे थे। इस हादसे में 59 लोगों की जान चली गई जबकि बहुत से लोग घायल हो गए। कांग्रेस नेता इन दिनों एक और वजह से लोगों के निशाने पर हैं। चूंकि जहां दुर्घटना हुई वहां मुख्य अतिथि के तौर पर उनकी पत्नी नवजोत कौर को बुलाया गया था। आरोप है कि जिस वक्त घटना घटी वो चली गईं। इसके अलावा दोनों पति-पत्नियों पर आरोप है कि वो सौरभ मदान को बचा रहे हैं। मदान मेले के मुख्य आयोजनकर्ता थे। उनके पिता विजय मदान इलाके में कांग्रेस पार्षद हैं। शुक्रवार को सिद्धू पीड़ितों से मुलाकात कर जब हॉस्पिटल से बाहर आए तो संतोरा ने उनसे पूछा कि अगर मदान निर्दोष हैं तो वो भागते क्यों फिर रहे हैं। हॉस्पिटल में भी पीड़ितों से मुलाकात के लिए वो नहीं पहुंचे। सिद्धू इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।
मामले में इंडियन एक्सप्रेस से संतोरा ने कहा, ‘मेरा बेटा अब कभी वापस नहीं आएगा। लेकिन में सिद्धू से जानना चाहता था कि अगर वो हमारे लिए दर्द महसूस कर रहे हैं तो पुलिस स्टेशन में मेरा साथ देंगे और अपने पार्टी के नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे? अगर मदान दोषी नहीं हैं तो वो क्यों फरार हैं? क्यों लोगों से छिपते फिर रहे हैं? दुख की इस घड़ी में वो हॉस्पिटल में क्यों नजर नहीं आए? मैंने सड़क पर कोई पत्थर नहीं फेंका, गुस्सा व्यक्त करने के लिए यातायात में बाधा नहीं डाली। कोई प्रदर्शन भी नहीं किया। उनसे सिर्फ सवाल पूछा था जो मेरा लोकतांत्रिक अधिकार है।
मृतक युवक के पिता आगे कहते हैं, ‘हॉस्पिटल से बाहर आए सिद्धू से जब मैंने सवाल किया तो कोई संतोषनजक जवाब नहीं मिला। उन्होंने सिर्फ इतना कहा टइस बारे में बैठकर बात करेंगे।’ ये लोगों के निर्वाचित प्रतिनिधि का कोई जवाब नहीं है। मुझे उनसे कुछ अच्छे की उम्मीद थी।’