पंजाब में पंचायत चुनाव के नतीजों ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। उलटफेर के जाल में राज्य के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के रिश्तेदार उनके अपने ही गांव में चुनाव हार गए। वहीं कई गांवों में आपसी सहमति से भी सरपंच चुन लिए गए। राज्य के पंचायत चुनाव में आए नतीजों में उलटफेर को लेकर खासी चर्चाएं रहीं। गौरतलब है कि राज्य में छिटपुट हिंसा की घटनाओं के बीच 80 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था।

बादल को ससुराल से मिली अच्छी खबरः दरअसल प्रकाश सिंह बादल के गांव बादल में शिरोमणि अकाली दल से दूर के रिश्ते में उनके पोते लगने वाले उदयवीर सिंह को टिकट मिला था। लेकिन उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी जबरजंग सिंह ने 376 वोटों से हरा कर सबसे हैरान कर दिया। हालांकि प्रकाश सिंह बादल के लिए उनके ससुर चक्क फतेह सिंह वाला से अच्छी खबर आई। यहां अकाली दल के विधायक रहे स्वर्गीय बलवीर सिंह के बेटे अमरिंदर सिंह ने विरोधी प्रत्याशी हरमेल सागर को 150 वोटों के अंतर से हराकर सरपंच की कुर्सी अपने नाम की।

…यहां आपसी सहमति से हुई ताजपोशीः सूबे के मुख्यमंत्री रह चुके दिवंगत हरचरण बराड़ के गांव सराय नागा में उनके पोते करनबीर को सर्वसम्मति से चुनाव गया। इसी तरह पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ के गांव पंचकोसी में भी उनके नजदीकी ओमप्रकाश धानक को सर्वसम्मति से चुन लिया गया। ऐसा ही मामला अमरिंदर सरकार में मंत्री गुरप्रीत सिंह के गांव कांगड़ में भी सामने आया। यहां गुरप्रीत सिंह के करीबी गुरप्रताप सिंह भी निर्विरोध चुन लिए गए। ऐसे उदाहरण कई जगहों पर देखने को मिले।