पुणे में दीवार गिरने से हुए हादसे में जिन 15 लोगों की मौत हुई, वे सभी बिहार से थे। बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले बिमल शर्मा 15 साल पहले रोजगार की तलाश में पुणे आए थे। कुछ सालों बाद वे अपने गांव से कई और लोगों को भी ले आए, इनमें उनका छोटा भाई भी शामिल था। सभी शहर में निर्माण कार्यों में मजदूरी करने लगे। रविवार (30 जून) को वे एक दर्जन से ज्यादा शवों के साथ वापस घर लौट गए। शुक्रवार (28 जून) की रात को शर्मा और 17 अन्य मजदूर अपने टिन के बने घर में आराम कर रहे थे। ये घर एल्कॉन स्टाइलस हाउसिंग सोसाइटी के कंपाउंड की दीवार से लगा हुआ था। जब वे सो रहे थे तभी 150 फीट की दीवार भरभराकर उन पर गिर पड़ी।

कंस्ट्रक्शन साइट पर बतौर कारपेंटर काम करने वाले शर्मा ने कहा, ‘मैंने सोचा पूरी बिल्डिंग ही गिर पड़ी। मुझे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था लेकिन दबी हुई आवाजें सुनाई दे रही थीं। कुछ रो रहे थे और कुछ मदद के लिए चिल्ला रहे थे। मैं भी चिल्लाना चाहता था लेकिन मेरी आवाज ही नहीं निकल पा रही थी।’ उन्होंने बताया कि उनका धड़ और बाकी अंग मलबे में दबे थे लेकिन किस्मत से सिर पर कोई चोट नहीं लगी। एक पेड़ की वजह से फिसलते हुए पत्थर और मिट्टी मेरे सिर पर नहीं गिरी।’

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उन्होंने कहा, ‘मैं करीब 10-15 मिनट वहीं पड़ा रहा। इसके बाद कंपाउंड के दूसरी तरफ से कुछ मजदूर और कुछ रहवासी घटनास्थल पर पहुंचे। वे फंसे हुए लोगों को देख रहे थे। मैंने किसी तरह मदद के लिए आवाज लगाई और अंत में बचा लिया गया।’ एल्कॉन स्टाइलस से लगी हुई यूफोरिया सोसाइटी में रहने वाले रवि गोयल सोने जा रहे थे तभी उन्हें बाहर से तेज आवाज आई और वे बालकनी की तरफ दौड़े। उन्होंने बताया, ‘अंधेरे में एल्कॉन स्टाइलस से लगी हुई दीवार मजदूरों के घर पर गिरी है। उनके घर पूरी तरह से तहस-नहस हो चुके थे।’ इसके बाद गोयल और उनके साथी तुरंत दुर्घटनास्थल पर पहुंचे और लोगों को निकालने की कोशिश की।

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