दिन 14 फरवरी 2019, लोकसभा चुनाव से ठीक 2 महीने पहले, कश्मीर के पुलवामा में सेना के जवानों पर हमला हुआ। 40 जवान शहीद हो गए। इन जवानों में से एक जयपुर के करीब बसे शाहपुरा में गोविंदपुरा बासड़ी गांव के रोहिताश लांबा भी थे।
मंगलवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीना ने उनके गांव पहुंचकर शहीद की मूर्ति का अनावरण किया और घोषणा की कि गांव में रोहिताश लांबा के नाम पर प्राथिमिक स्वास्थ्य केंद्र और उनके घर तक 500 मीटर सड़क निर्माण करवाया जाएगा।
जिस स्मारक में सीएम भजनलाल ने मूर्ति का अनावरण किया उसका निर्माण परिवार ने अपने खर्चे पर कराया है, जबकि निर्माण की मांग परिवार पहले सरकार से करता रहा है। शहीद के भाई जीतेंद्र लांबा ने हमें बताया कि जब निर्माण सरकार की तरफ से नहीं कराया गया तो हमने अपने खर्चे पर इसे पूरा कर ये कार्यक्रम रखा था।
2019 से वादों के पूरे होने की राह तक रहा परिवार
ठीक एक साल पहले मार्च-2023 के महीने में रोहिताश लांबा का परिवार सुर्खियों में आया था। वजह थी उनकी पत्नी मंजू लांबा का गहलोत सरकार के खिलाफ 13 दिन तक चला धरना, जहां वह याद दिला रही थीं कि सरकार के तीन मंत्री शहीद के अंतिम संस्कार में कुछ वादे कर आए थे जो पूरे नहीं हुए हैं।
रोहिताश लांबा के अंतिम संस्कार में गहलोत सरकार के तीन मंत्री- लालचंद कटारिया, शांति धारीवाल और प्रताप सिंह खाचारियावास पहुंचे थे। मंजू देवी ने इस धरने के दौरान कहा था कि सरकार के मंत्री अंतिम संस्कार के लिए हमारे गाँव आए थे। शहीद के भाई जीतेंद्र लांबा को सरकारी नौकरी देने और गांव में एक स्मारक बनाने का वादा भी किया गया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
इस धरने के दौरान बीजेपी नेता किरोड़ी लाल मीना भी काफी सक्रिय थे, फिलहाल वह सरकार में मंत्री हैं। वह लगातार यह मुद्दा उठा रहे थे कि परिवार के किसी सदस्य को नौकरी को क्यों नही दी गई? उनके कई बयान गहलोत सरकार के खिलाफ सामने आए थे।
हालांकि 13 फरवरी को हुए मूर्ति अनावरण के कार्यक्रम में भी (जहां किरोड़ी लाल मीना मौजूद थे) नौकरी के सवाल पर किसी तरह की घोषणा नहीं हुई है। जीतेंद्र ने कहा कि नौकरी के सवाल पर सीएम भजनलाल ने जल्द कुछ रास्ता निकालने का आश्वासन दिया है। पिछली सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचारियावास ने नौकरी के सवाल पर कहा था कि प्रक्रिया में कुछ तकनीकी समस्या के कारण हम शहीद के भाई को नौकरी नहीं दे पाए।
शाहपुरा के कांग्रेस विधायक मनीष यादव ने भी इस मुद्दे पर बात की और कहा कि 13 फरवरी को हुए कार्यक्रम में उन्हे इनवाइट नहीं किया गया था जबकि वह स्थानीय विधायक हैं। हमने जीतेंद्र लांबा से इसकी वजह पूछी तो उन्होंने बताया कि स्थानीय राजनीति के दबाव में ऐसा हुआ है।
विधायक मनीष यादव ने कहा कि सीएम भजनलाल और किरोड़ी लाल मीना यहां आए थे तो क्यों नौकरी देने की घोषणा नहीं करके गए? प्राथिमिक स्वास्थ्य केंद्र तो पूरे गांव की जरूरत है और बनना भी चाहिए, लेकिन नौकरी के सवाल पर घोषणा क्यों नहीं हुई?
‘उम्मीद है जल्द घोषणाएं पूरी होंगी’
शहीद के भाई जीतेंद्र ने कहा कि परिवार पहले भी वादों के पूरा होने की उम्मीद ताकता रहा है। इस बार बीजेपी सरकार से उम्मीद है कि वह ज़्यादा इंतज़ार नहीं कराएंगे और जल्द यह घोषणाएं पूरी हो जाएंगी।