पुदुचेरीः जवाहर इंस्टिट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (Jipmer) ने एक ह्यूमन मिल्क बैंक तैयार किया है। हॉस्पिटल में होने वाले प्रीमेच्योर बच्चों के लिए इसके दूध का इस्तेमाल किया जाएगा। इस बैंक का नाम Amudham Thaippal Maiyam (ATM) रखा गया है। पिछले बुधवार को शुरू हुए इस एटीएम पर दूध मिलने के साथ ही महिलाओं को ब्रेस्टफीडिंग से जुड़ी सलाह भी दी जाएगी।
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Jipmer के डायरेक्टर एस. सी. परिजा ने बताया, “यहां हर महीने करीब 1500 बच्चों का जन्म होता है, जिसमें से 30 प्रतिशत कमजोर और प्रीमेच्योर होते हैं। इन बच्चों की जान बचाने के लिए ऐसे एक ह्यूमन ब्रेस्ट मिल्क (मां का दूध) बैंक बनाने की जरूरत थी।”
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उन्होंने बताया कि इस तरह के और भी बैंक NICU (नवजात शिशु संबंधी केयर यूनिट) में स्थापित करने की आवश्यकता है, ताकि कम वजन वाले और समय से पहले पैदा हुए इन बच्चों को छह महीने का होने तक दूध पिलाया जा सके। उन्होंने कहा कि “यदि मां का दूध पूरा नहीं पड़ रहा या फिर उपलब्ध नहीं है तो डोनर ह्यूमन मिल्क का पाश्च्यूराइज्ड दूध उपयोग किया जाए।”