हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य से आज प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने धन शोधन के मामले में तकरीबन आठ घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद विक्रमादित्य ने आरोप लगाया कि केंद्रीय जांच एजेंसियों का ‘भगवाकरण’ हो गया है। हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रमादित्य ने आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियां अपने ‘राजनैतिक आकाओं’ को खुश करने के लिए कांग्रेस नेताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरीके से कांग्रेस नेताओं को विभिन्न जांच एजेंसियां निशाना बना रही हैं वह दर्शाता है कि कैसे उनका भगवाकरण हो गया है।
ऐसा करके वो स्वस्थ प्रथा नहीं स्थापित कर रही हैं। उन्हें आने वाले समय के लिए गलत नजीर नहीं पेश करनी चाहिए।’’ विक्रमादित्य से धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ की। इस संबंध में उनके और उनके पिता के खिलाफ मामला दर्ज है। विक्रमादित्य ने कहा कि उन्होंने एजेंसी के साथ सहयोग किया और जांच अधिकारियों द्वारा उनसे पूछे गए सारे सवालों का जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि उनकी न्यायपालिका में पूरी आस्था है और वह विजयी होकर निकलेंगे। उन्होंने कहा कि विभिन्न अदालतों में मामला लड़ने के अलावा वह जनता की अदालत में भी जायेंगे। विक्रमादित्य ने कहा कि उनके और उनके पिता के खिलाफ दर्ज मामले राजनीति से प्रेरित हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कल प्रवर्तन निदेशालय को निर्देश दिया था कि वह विक्रमादित्य को नहीं गिरफ्तार करेगी। ईडी ने विक्रमादित्य को उनके और उनके पिता के खिलाफ दर्ज धन शोधन के मामले में पूछताछ के लिए तलब किया था।