प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (19 जून) को योग को एक शारीरिक अभ्यास से कहीं ज्यादा बताते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने की अपनी अपील पर उन्होंने विश्व भर से ‘इतने भारी उत्साह’ की उम्मीद नहीं की थी। उनकी इस अपील के बाद संयुक्त राष्ट्र ने पिछले साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित कर दिया था। मंगलवार (21 जून) को दूसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने से पहले एक वीडियो संदेश में मोदी ने कहा, ‘जब सितंबर 2014 में मैंने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने से जुड़ा नजरिया संयुक्त राष्ट्र महासभा में पेश किया था, तब मैंने भी उम्मीद नहीं की थी इस अवसर के लिए दुनिया के कोने-कोने से इतना भारी उत्साह दर्शाया जाएगा।’

मोदी ने कहा कि पिछले साल और अब एकबार फिर लोगों का सहयोग और भागीदारी ‘इस प्राचीन विधा को पोषित करने और बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को निभाता है और योग के ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की आदर्श अभिव्यक्ति होने की पुष्टि करता है।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं पिछले साल के उस यादगार दिन की पहचान बन चुकी तस्वीरों को याद करता हूं। प्रशांत द्वीपसमूह से पोर्ट ऑफ स्पेन तक, व्लादिवोस्तोक से वैंकुवर तक और कोपनहेगन से केपटाउन तक हजारों लोग योगाभ्यास के जरिए शरीरों और मस्तिष्कों को एकीकृत करने के लिए जुटे थे।’

उन्होंने कहा कि इस विधा की अनुगूंज को न्यू यार्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक ‘स्वाभाविक स्थान’ मिल गया, जहां से इस सफर की शुरुआत हो गई। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पिछले साल एक ऐतिहासिक प्रस्ताव के माध्यम से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया था। ‘योग को शारीरिक अभ्यास से कहीं अधिक’ बताते हुए उन्होंने कहा, ‘यह हमें स्वयं के एक नए आयाम तक पहुंचा देता है जबकि इसके जरिये हमें एहतियाती स्वास्थ्यचर्या और कुशलता के बारे में समग्र दृष्टिकोण मिलता है।’

उन्होंने कहा, ‘योग हमें हमारा संतुलन बहाल करने में मदद करता है और हममें जरूरी स्पष्टता लेकर आता है। इसकी एकीकरण की ताकत के जरिए हम संपूर्णता हासिल करने के साथ-साथ दुनिया के साथ एकीकार हो जाने की कोशिश करते हैं।’ मोदी ने कहा, ‘दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी करते हुए आप लोगों को संबोधित करने में मुझे बेहद खुशी हो रही है। यह अदभुत अवसर है, जो हमें भारत की प्राचीन परंपरा के अमूल्य उपहार का जश्न मनाने के लिए एकसाथ लेकर आता है।’ इस विधा को बढ़ावा देने की दिशा में लोगों को प्रतिबद्धता जताने के लिए शुक्रिया अदा करते हुए उन्होंने कहा, ‘आज आप सब योग के राजदूत हैं, जो भारत के प्राचीन संदेश को दुनियाभर में ले जा रहे हैं।’