ब्रिटिश शासन के दौरान ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया के नौका विहार का गवाह रहा इटावा का ऐतिहासिक पक्का तालाब देखरेख के अभाव में बदरंग हो चला है। तालाब के फुब्बारे बंद हो गए है वहीं लाइट भी बंद कर दी गई हैं। गंदगी के कारण जलीय जीव भी जा चुके हैं।
करीब दो सौ साल पुराना है पक्का तालाब
यह तालाब करीब 200 साल पुराना है। 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के बाद 2014 में पूर्व पालिका अध्यक्ष कुलदीप गुप्ता ने पक्का तालाब के सौंदर्यीकरण का जिम्मा उठाया था। इसके बाद वहां 40 लाख रुपए की लागत से फुब्बारे और तालाब की खाली जगहों पर पेड़ पौधे भी लगाए गए थे।
2014 मे कराया गया विकास
2014 में पालिका द्वारा पक्के तालाब की सतह को कंक्रीट के जरिए पक्का कर दिया गया। इसके बाद से तालाब में पानी रिचार्ज की सुविधा खत्म हो गई है। हालांकि दावा किया गया था कि वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के जरिए पानी रिचार्ज की सुविधा पानी में मौजूद है। यही कारण है कुछ दिनों बाद तालाब का पानी कम हो जाता है और इसमें बार-बार पानी टयूबवेल के जरिए भरा जा रहा है।
इटावा की पहचान का मुख्य केंद्र
ब्रिटिश शासन काल में महारानी विक्टोरिया के भारत आगमन पर विक्टोरिया मैमोरियल की स्थापना की गई थी। पक्का तालाब अपने तरह का एक विशेष तालाब है। यह अंग्रेजों के जमाने से स्थित है। इसके एक किनारे पर ब्रिटिश कालीन मेमोरियल हॉल बना हुआ है, वहीं यहां अनेक मंदिर भी हैं जो लोगों की आस्था का केंद्र हैं। 15 अगस्त 1957 को अंग्रेजी हुकूमत की यादों को मिटाने के लिए विक्टोरिया मेमोरियल हॉल का नाम बदलकर कमला नेहरू हॉल रखा गया और पक्के तालाब के बीच में अशोक स्तम्भ स्थापित कर दिया गया। यह आजाद भारत की निशानी थी।
पदाधिकारी कहते हैंं
इटावा की नगर पालिका अध्यक्ष नौशाबा खान का कहना है कि इसकी बदहाली को दूर करने की दिशा में सतही तौर पर काम किया जाएगा। अभी तक जो भी कार्य यहां पर कराए गए वे तकनीकी तौर पर पूरी तरह से सही नहीं थे। वहीं इटावा के के.के.कॉलेज के इतिहास विभाग के प्रमुख डा.शैलेंद्र शर्मा का कहना है कि यह पक्का तालाब आजादी के वक्त का ना केवल निर्मित है बल्कि इससे इटावा की पहचान बनी हुई है।
यूपीः महारानी विक्टोरिया के दौर वाले तालाब का पुरसाहाल नहीं
ब्रिटिश शासन के दौरान ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया के तालाब के फुब्बारे बंद हो गए है वहीं लाइट भी बंद कर दी गई हैं। गंदगी के कारण जलीय जीव भी जा चुके हैं।
Written by दिनेश शाक्य
इटावा

Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा राज्य समाचार (Rajya News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
First published on: 17-07-2019 at 03:45 IST