ओडिसा में एटीएम को हैक करने वाले एक आरोपी को ढूंढने के लिए भुवनेश्वर पुलिस ने करीब 50 लाख कॉल्स की डिटेल छान मारी। इतनी मेहनत करने के बाद पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी उत्तराखंड के देहरादून से की। रुद्रपुर के इलाके में रहने वाला आरोपी अजय चौधरी बिना पढ़ाई किए कई तकनीकियों का ज्ञान रखता है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 2014 में बेंगलुरु जेल में सजा काटने के दौरान आरोपी ने एटीएम सोफ्टवेयर को हैक करना और हैक कर पैसे चुराना सीखा था। इससे पहले वह दिल्ली में रिक्शा चलाकर अपना पेट भरता था। जल्दी पैसा कमाने की चाहत में जेल में सीखी तकनीकियों का गलत इस्तेमाल कर वह हैकर बन गया।
इस मामले में जानकारी देते हुए भुवनेश्वर के डीजीपी केबी सिंह ने बताया कि आरोपी उस चार लोगों के गैंग का सदस्य है जो कि चाइनीज मैलवेयर के जरिए एटीएम के सोफ्टवेयर को हैक करने का काम करता है। उन्होंने बताया कि फरवरी से लेकर मार्च के बीच में ये आरोपी पांच एटीएम को हैक कर 48 लाख रुपए उड़ा चुके हैं, जिनमें पुरी, भुवनेश्वर और कटक के एटीएम शामिल हैं। सिंह ने बताया कि ये गिरोह बहुत ही चतुराई के साथ वारदात को अंजाम देता था। उन्होंने कहा कि इस मामले कि जांच के दौरान हमारी टीम ने करीब 50 लाख भारत और विदेश की इनकमिंग और आउटगोइंग कॉल डिटेल की जांच की। यह वे नंबर थे जो कि उस समय उन इलाकों में मौजूद थे जिस समय हैकरों ने एटीएम को लूटने की वारदात को अंजाम दिया था।
अधिकारी ने बताया कि ये चारों आरोपी ओडिसा के रहने वाले नहीं है। इसके बाद उन्होंने बताया कि कई ऐसे एटीएम है जिनमें पुराना सोफ्टवेयर अभी तक डला हुआ जिसके कारण उन्हें आसानी से हैकर द्वारा हैक किया जा सकता है। अधिकारी ने बताया कि ओडिसा में 6125 एटीएम है, जिनमें से 1200 ऐसे एटीएम है जिन्हे आसानी से हैक किया जा सकता है।