बिहार के बांका में एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) कार्यकर्ता की हत्या का मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक फुल्लीदुम्मार के रहने वाले 40 वर्षीय भोला साह का शनिवार को अपहरण किया गया था। पुलिस ने बताया कि अपहरण के एक दिन बाद रविवार को देर रात उनकी हत्या कर दी गई। भोला ने पंचायत में होने वाले भ्रष्टाचार को उजागर किया था। एक और आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या से राज्य एक बार फिर राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवालिया निशान लग गया है।
मौजूदा साल में यह पांचवां मामला
मौजूदा वर्ष में बिहार में आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या का यह पांचवां मामला है। पिछले आठ सालों में यह सबसे खराब स्थिति है। पुलिस के मुताबिक, साह ने कई योजनाओं के मद में मिले फंड के कथित गबन पर जानकारी मांगी थी। भोला के मारे जाने के बाद उनके भाई विनोद साह ने स्थानीय मुखिया के पति विनोद तांती और छह अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
‘सरकारी कार्रवाई के डर से हुई हत्या’
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि अपनी पत्नी की जगह पंचायत का काम देखने वाले तांती ने कुछ योजनाओं को कागजों में पूरा हो चुका बताया था, जबकि वास्तव में वे हुई ही नहीं थीं। विनोद साह के मुताबिक विनोद तांती को सरकारी कार्रवाई का डर था। इसी के चलते उसने भोला को निशाना बना लिया। आरोपियों के खिलाफ मुकदमे में मनोज यादव नाम के एक स्थानीय शिक्षक का भी नाम है। विनोद के मुताबिक भोला ने उसके बारे में सरकारी अधिकारियों को शिकायत की थी।