ओडिशा सरकार ने सोमवार को पूरे राज्य में 17 लाख स्कूली छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड देने के लिए ‘खुशी’ नामक योजना का शुभारंभ किया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों की कक्षा छह से 12 तक की छात्राओं के लिए नि:शुल्क सैनिटरी पैड बांटने की इस योजना का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा, ” मैं सरकारी सेवारत स्कूलों में कक्षा छह से 12 तक की सभी 17 लाख लड़कियों को मुफ्त सैनिटरी नैपकिन प्रदान करने वाली खुशी योजना की घोषणा कर खुशी महसूस कर रहा हूं।” उन्होंने कहा, “हम सब्सिडी दरों पर महिलाओं और लड़कियों के लिए सैनिटरी नैपकिन के सोशल मार्केटिंग का विस्तार भी करेंगे।”

पटनायक ने कहा कि यह कदम स्कूल जाने वाली किशोरियों के बीच स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ावा और महिलाओं के सशक्तीकरण की ओर अग्रसर करेगा। इससे पहले राज्य सरकार ने विशेष रूप से महिलाओं के लिए मिशन शक्ति और ममता सहित विभिन्न योजनाएं लागू की हैं। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री प्रताप जेना ने कहा, “स्कूल की छात्राओं को नि:शुल्क सैनिटरी नैपकिन प्रदान करने के साथ ही सरकारी ने आशा कार्यकताओं के द्वारा ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को सब्सिडी वाले मूल्य पर सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराने का फैसला किया है।”

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के सागर जिले के गढ़ाकोटा में गुरुवार से शुरू हुए रहस लोकोत्सव में 50 हजार महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन बांटे गए। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने नैपकिन वितरण को एक अच्छी पहल बताया। आजीविका महिला स्व-सहायता समूह को 28 लाख रुपए दिए गए और सम्मेलन में उपस्थित लगभग पचास हजार महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन भी दिया गया।

इस मौके पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि महिलाओं की सबसे गंभीर समस्या मासिक धर्म के समय की है, उन्हें हाइजेनिक सुविधा नहीं मिल पाती है। इसका सामना करने के लिए प्रदेश में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के समूह द्वारा तैयार किए गए सैनिटरी नैपकिन ग्रामीण महिलाओं को नाम मात्र मूल्य पर उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके प्रति जन जागृति के उद्देश्य से सम्मेलन में आने वाली 50,000 महिला हितग्राहियों को नि:शुल्क नैपकिन का वितरण कराया जा रहा है।