दिल्ली में डेंगू और चिकनगुनिया के बढ़ते प्रकोप से सुप्रीम कोर्ट भी चिंतित है। बुधवार को अदालत ने एक डॉक्टर की याचिका पर सुनवाई को मंजूरी थी, जिसमें याचिकाकर्ता ने गुहार लगाई है कि शीर्ष अदालत दिल्ली और केन्द्र सरकार को इस संकट से निपटने पर निर्देश जारी करे। अदालत ने याचिका पर सुनवाई के लिए सोमवार का दिन मुकर्रर किया है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका लगाने वाले डॉक्टर से पूछा कि क्या उन्होंने इस मामले में मच्छरों को भी पार्टी बनाया है। इस पर अदालत में मौजूद लोग अपनी हंसी रोक नहीं पाए।
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दूसरी तरफ, राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने बुधवार को नई दिल्ली नगर निगम को जमकर लताड़ा। एनजीटी ने राजधानी में डेंगू और चिकनगुनिया के कहर पर नगर निकायों से पूछा है- ”दो महीने से आप क्या कर रहे थे? आपके पास कोई एक्शन प्लान नहीं है और दिल्ली का हर शख्स बीमार हो रहा है।” विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा उठाए गए कदमों पर नाखुशी जाहिर करते हुए एनजीटी ने कहा- जमीन पर स्थिति भयावह है। आप हमें बनाए गए रजिस्टर मत दिखाइए।” एनजीटी ने जिला स्तर पर एक प्रधान कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं जो डेंगू और चिकनगुनिया पर उठाए जा रहे कदमों की जांच करेगी। अधिकरण ने जिला कमेटियों से 15 दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
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राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू से मरने वालों की संख्या बढ़कर 19 हो गई, जबकि मच्छर जनित बीमारी से पीड़ितों की संख्या 1300 का आंकड़ा पार कर गई है। सोमवार (19 सितंबर) को जारी की गई निगम की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले हफ्ते डेंगू के 220 नए मामले सामने आए, जबकि 607 मामले इस महीने 17 सितंबर तक रिकॉर्ड किए गए। लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया, ‘तकरीबन एक महीने पहले हमारे अस्पताल में डेंगू से एक वयस्क व्यक्ति की मौत हुई थी। बहरहाल, अस्पताल में चिकुनगुनिया से किसी की मौत नही हुयी है।’ डॉक्टर ने कहा, ‘इस मौसम में हमारे (एलएनजेपी) अस्पताल में 522 डेंगू के मामले आए हैं। हमारे बुखार क्लिनिक में रोजाना करीब 750 मरीज आ रहे हैं। हमारे पास बुखार वार्ड में 52 और बुखार क्लिनिक में 21 बेड हैं।’