कुतुब मीनार की मस्जिद के इमाम मौलाना शेर मोहम्मद ने दावा किया कि मस्जिद में नमाज के लिए रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) ने 13 मई से परिसर के अंदर मौजूद मस्जिद में नमाज अदा करने पर रोक लगा दी है, जबकि वर्षों से यहां नमाज अदा की जाती रही है। उन्होंने इस संबंध में दिल्ली पुलिस को खत लिखा है और कहा कि अगर जल्द ही नमाज की अनमुति नहीं मिली तो, वे कोर्ट जाएंगे।
मौलाना शेर मोहम्मद ने कहा, “करीब 46 साल से वहां नमाज पढ़ रहा हूं, जुमा, ईद, बकरीद और रमजान के दिनों में तरावी की नमाज भी होती है। आराम से सबकुछ चल रहा था, लेकिन 13 मई को एएसआई की तरफ से मुझे नमाज के लिए मना कर दिया गया।”
उधर, एएसआई ने कोर्ट में जो हलफनामा दायर किया है, उसमें पूजा और नमाज का विरोध किया गया है। बता दें कि हिंदू पक्ष ने याचिका दायर कर कुतुब मीनार परिसर में पूजा की मांग की थी। इस पर साकेत कोर्ट में आज सुनवाई पूरी हो गई है और फैसला 9 जून को आएगा। एएसआई का कहना है कि स्मारक को सदियों पहले बनाया गया था। एएसआई ने कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में कहा कि कुतुब मीनार की पहचान नहीं बदली जा सकती है और न ही स्मारक में पूजा या नमाज की अनुमति दी जा सकती है।
गौरतलब है कि कुतुब मीनार के मुख्य गेट की दाएं तरफ बनी एक मुगलकालीन छोटी मस्जिद में नमाज अदा की जाती है। साल 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान नमाज पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके बाद 2016 में मस्जिद में एक बार फिर से नमाज शुरू हो गई थी।
बताया जाता है कि जब कुतुब मीनार का निर्माण किया गया, तभी से यह मस्जिद है। उस समय यह मस्जिद नहीं थी बल्कि मुगल शासकों के सेवादारों की सराय थी और उस समय मुगल शासकों के सेवादार यहां आराम करते थे, लेकिन बाद में इस सराय को मस्जिद में तब्दील कर दिया गया।