सरकार ने उस प्रस्ताव को रद्द कर दिया है जिसके तहत पत्र सूचना कार्यालय (पीआइबी) से मान्यता प्राप्त पत्रकारों को हर साल अपने कार्ड का नवीकरण कराने के लिए पुलिस जांच कराए जाने को जरूरी किया जा रहा था। भारत सरकार के महानिदेशक (मीडिया एवं संचार) फ्रैंक नोरान्हा ने कहा कि मान्यता प्राप्त पत्रकारों को पीआइबी कार्ड के नवीकरण के लिए हर साल सुरक्षा जांच की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हालांकि नवीकरण के लिए सभी मामलों की सूची जारी किए जाने से पहले मंजूरी के लिए मुख्य सुरक्षा अधिकारी (सीएसओ), गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा। यह सामान्य दस्तूर है।
पीआईबी कार्ड पत्रकारों को विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में निर्बाध प्रवेश की अनुमति देता है। कुछ संवेदनशील क्षेत्र यथा प्रधानमंत्री कार्यालय, रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय इसके अपवाद हैं। कुछ समय पहले, गृह मंत्रालय ने पीआईबी से इस बात को सुनिश्चित करने को कहा था कि सभी मान्यता प्राप्त पत्रकारों का उनके कार्डों का सालाना नवीकरण करते समय पुलिस जांच अवश्य हो। इसको लेकर पत्रकारों में काफी चिंताएं और आशंकाएं थीं।
सूत्रों ने बताया कि प्रस्ताव को अंतत: गृह मंत्रालय और पीआईबी के बीच विचार-विमर्श के बाद रद्द कर दिया गया। सूत्रों ने बताया कि पीआईबी ने भी इस मुद्दे पर गृह मंत्रालय को पत्र लिखा था। वार्षिक पुलिस जांच का कदम कुछ महीने पहले पेट्रोलियम मंत्रालय में जासूसी के मद्देनजर उठाया गया जिसमें कई गोपनीय दस्तावेज कथित तौर पर लीक हुए। कुछ पत्रकार, मंत्रालय के कर्मचारी और कुछ निजी लोग उस मामले में आरोपी हैं।