भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने हरियाणा के हिसार जिले में विवादास्पद ‘संत’ रामपाल के आश्रम में हिंसक झड़प के दौरान पुलिस द्वारा मीडियाकर्मियों पर हमला करने के मामले में तथ्यों का पता लगाने के लिए एक समिति गठित की है।

पीसीआई के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू ने आज जारी किये गये एक आदेश में कहा कि उन्होंने पुलिस द्वारा कल मीडियाकर्मियों पर हमला करने की खबरों पर गौर किया, जिसमें अनेक पत्रकारों को पीटा गया और उनके कैमरे आदि टूट गए। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया उनकी राय है कि यह संविधान की धारा 19 (1) ए में गारंटी दिये गये बुनियादी अधिकार का उल्लंघन है।

पीसीआई अध्यक्ष ने तथ्यों का पता लगाने के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की जिसमें सोनदीप शंकर (संयोजक) के अमरनाथ, राजीव रंजन नाग और कृष्णा प्रसाद को शामिल किया गया है।

समिति पत्रकारों ,पत्रकार संगठनों, प्रबंधकों, संपादकों आदि के साथ साथ पुलिस कर्मचारियों ओैर अधिकारियों, जनता और अन्य संबंधित लोगों से मिल सकती है। पीसीआई अध्यक्ष ने हरियाणा और चंडीगढ़ में अधिकारियों से समिति को अपना सहयोग देने को कहा है।

हरियाणा में हिसार जिले के बरवाला नगर में रामपाल के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़पों में सुरक्षाकर्मियों और मीडियाकर्मियों सहित तकरीबन 200 लोग घायल हुए हैं। मीडियाकर्मियों को हिंसा का सामना करना पड़ा। कुछ मीडियाकर्मी घायल हो गए और अनेक निजी टीवी चैनलों के फोटोग्राफरों के कैमरे टूट गये।