दिल्ली-एनसीआर इन दिनों पश्चिमी विझोभ के कारण बारिश की बौछारों का आनंद ले रही है, लेकिन इससे मॉनसून के आने की तारीख में बदलाव का कोई असर नहीं नजर आने वाला है। मौसम विज्ञानियों की माने तो इसकी एक खास वजह है। मॉनसून कई दिनों से गुजरात के वलसाड में ठहरा हुआ है। हालांकि, धीमी पड़ी मॉनसून की गति के बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के महानिदेशक डॉ केजे रमेश का कहना है कि चिंता की कोई बात नहीं है। मॉनसून की अभी तक की प्रगति संतोषजनक कही जा सकती है। इस लिहाज से मौसम विभाग का अनुमान सामान्य मॉनसून पर कायम है। डॉ रमेश के मुताबिक, 23 जून से बंगाल और आस-पास के इलाकों से पश्चिमी दिशा की ओर मॉनसून के प्रगति की स्थितियां अनुकूल बन रही हैं। जिससे राजधानी सहित उत्तर-पश्चिम भारत के लिए अच्छी बारिश की उम्मीद कायम है।  आइएमडी के मुताबिक पूरे देश में अभी तक (1 जून से 20 जून) सामान्य से 5 फीसद अतिरिक्त बारिश हो चुकी है, लेकिन मॉनसून कई दिनों से गुजरात के वलसाड में ठहरा हुआ है। जबकि 15 जून तक इसके गुजरात, मध्यप्रदेश के ज्यादातर हिस्सों और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में सामान्यत: पहुंच जाना चाहिए था।

साथ ही देश के 36 उपमंडलों में से 10 में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है, ये कमी 20 से लेकर 59 फीसद तक है। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर में मॉनसून का आगमन क्या होगा, यह कहना मुश्किल है। हालांकि, डॉ रमेश के मुताबिक 23-24 जून से बंगाल और आस-पास के इलाकों से पश्चिम की तरफ मॉनसून की प्रगति के लिए स्थितियां अनुकूल बन रही हैं। जिससे राजधानी के लिए समय पर समय पर मॉनसून की उम्मीद अभी भी कायम है।
पश्चिमी विक्षोभ मॉनसून बढ़ाने में करेगा मदद23-24 जून से पश्चिमी विझोभ कमजोर पड़ रहा है और बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवातीय तंत्र तैयार हो रहा है। जो मॉनसून को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। अभी जो बारिश दिल्ली-एनसीआर और उत्तर पश्चिम भारत के अन्य जगहों पर हो रही है वह भी मॉनसून के लिए अनुकूल है क्योंकि पश्चिमी और पूर्वी हवाओं के तालमेल से मॉनसून को मजबूती मिलती है।