सोलह दिसंबर 2012 सामूहिक बलात्कार मामले की पीड़ित के माता-पिता ने सोमवार को कानूनी व्यवस्था पर नाराजगी जताई और सवाल किया कि इस मामले में जल्द रिहा होने जा रहे नाबालिग दोषी में कोई सुधार हुआ भी है या नहीं। वे महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिन्होंने किशोर की रिहाई के बाद उस पर ‘करीबी नजर’ रखने की जरूरत पर जोर दिया।
पीड़ित की मां ने सवाल किया, ‘अपराध करते वक्त उसकी उम्र वयस्क होने से कुछ महीने कम थी और उसे इस वजह से सुधार गृह भेजा गया। लेकिन क्या उसमें सुधार हुआ? देश भर में हजारों लड़कियों का बलात्कार हो रहा है। क्या बदला?’ पीड़िता के पिता ने मंत्री की इस चिंता पर सहमति जताई कि अब 21 साल से भी कम उम्र का दोषी फिर से अपराध कर सकता है। उन्होंने केंद्र पर स्थिति में कोई सुधार करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘वह बाहर आकर एक और अपराध कर सकता है और अगर ऐसा करता है तो यह सरकार की तरफ से कमियों के कारण होगा।’ इस बीच, महिला अधिकार कार्यकर्ता मेनका की टिप्पणी पर बंटे नजर आए। कार्यकर्ता कविता कृष्णन ने ‘भड़काऊ’ बयान देने पर मंत्री की निंदा की जबकि बृंदा एडिगे ने टिप्पणियों का स्वागत करते हुए कहा कि मंत्री का शब्दों का चयन ‘खराब’ हो सकता है लेकिन असल में न्याय नहीं हुआ है।
लगातार ब्रेकिंग न्यूज, अपडेट्स, एनालिसिस, ब्लॉग पढ़ने के लिए आप हमारा फेसबुक पेज लाइक करें, गूगल प्लस पर हमसे जुड़ें और ट्विटर पर भी हमें फॉलो करें