जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ चुनाव के लिए शुक्रवार को मतदान होने के बाद हाई कोर्ट की ओर से चुनाव परिणामों को अधिसूचित करने पर 17 सितंबर तक रोक के बीच शनिवार करीब 12 बजे दोबारा मतगणना शुरू हुई। शुरुआती रुझानों के मुताबिक वाम एकता के उम्मीदवार अभी बढ़त बनाए हुए थे। चुनाव समिति के मुख्य चुनाव आयुक्त शशांक पटेल ने कहा कि अंतिम नतीजों को रोके रखेगा लेकिन रुझानों को घोषित करेगा। शशांक ने कहा कि शिकायत निवारण प्रकोष्ठ (जीआरसी) की ओर से कहा गया था कि सभी मतगणना के एजंटों को यह शपथपत्र देना होगा कि वे रुझानों को बाहर नहीं बताएंगे। चुनाव समिति ने जीआरसी से इस मामले में बात भी की जिसके कारण शुक्रवार रात 11 बजकर 55 बजे से लेकर दोपहर 11 बजे करीब 11 घंटे तक मतगणना रुकी रही। अंत में मतगणना शुरू करने का निर्णय लिया गया।
जेएनयू में शनिवार का दिन काफी शांत था। शाम सात बजे तक किसी भी छात्र संगठन में परिणामों को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई दे रही थी। जैसे ही पहला रुझान सामने आया, वाम एकता के कार्यकर्ताओं में उत्साह दिखाई दिया। विद्यार्थियों में ढोल-नगाड़ों और ढफली की आवाजों के बीच एक बार फिर लाल सलाम के नारे गूंजने लगे। शनिवार की रात को 8 बजे तक छात्र संगठनों के सदस्यों की ओर से जेएनयू छात्र संघ चुनाव के रुझानों के बारे में बताया गया। स्कूल आॅफ लैंग्वेज, लिट्रेचर एंड कल्चर स्टडीज में हुई मतगणना के 150 मतपत्रों की गिनती के बाद अध्यक्ष पद, उपाध्यक्ष पद, महासचिव और संयुक्त सचिव पद पर वाम एकता के उम्मीदवार पहले नंबर पर और एबीवीपी के उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहे।
अध्यक्ष पद पर वाम एकता की आईशी घोष को 78, एबीवीपी के मनीष जांगिड को 28, एनएसयूआइ के प्रशांत कुमार को 26, बापसा के जितेंद्र सुना को 14, छात्र राजद की प्रियंका भारती को 2 और निर्दलीय लड़ रहे राघवेंद्र मिश्रा को शून्य मत मिले। उपाध्यक्ष के पद पर वाम एकता के साकेत मून को 104, एबीवीपी की श्रुति को 30 और छात्र राजद के ऋषिराज को 4 मत मिले। सचिव पद पर वाम एकता के सतीश को 74, एबीवीपी के सबरीश को 37 और बापसा के वसीम को 24 मत मिले। साथ ही संयुक्त सचिव पर वाम एकता के मौ. दानिश को 104 और एबीवीपी के सुमंता साहू को 33 मत मिले।

