जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्र उमर खालिद अपने बयान को लेकर एक बार फिर से विवादों में हैं। कश्मीर में आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद खालिद ने फेसबुक पर पोस्ट में बुरहान को क्रांतिकारी बताया। खालिद ने लिखा, ”अगर कोई मेरी बंदूक उठाता रहे और गोली चलता रहे तो मुझे मरने की कोई चिंता नहीं। यह चे ग्वेवारा के शब्द थे लेकिन बुरहान वानी के भी हो सकते थे।”
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खालिद ने आगे वानी की प्रशंसा करते हुए लिखा, ”बुरहान को मौत का डर नहीं था, उसे पराधीन होकर जीने का डर था। उसने इससे नफरत की। वह एक आजाद व्यक्ति के रूप में जिया और उसी तरह से मरा। भारत राज्य अधिग्रहण अपराध है। जो अपने डर को खत्म कर दे उसे आप कैसे हरा पाएंगे?” खालिद की इस पोस्ट पर कई सवाल उठ रहे हैं। खालिद पर नौ फरवरी को जेएनयू में देश विरोधी बयानबाजी करने का आरोप भी है। इस मामले में 25 अप्रैल को यूनिवर्सिटी ने तीन अन्य छात्रों के साथ निकाल दिया था। खालिद को एक सेमेस्टर के लिए बाहर किया गया और 20 हजार का जुर्माना भी लगाया गया।