बड़े नोटों को बंद किए जाने के फरमान से जनता नाराज है या खुश, इसका जवाब तो बाद में मिलेगा। लेकिन, कतारों से परेशान जनता, जिसकी किसी बैंककर्मी से दोस्ती-रिश्तेदारी नहीं है, वह अपनी तरह से जुगाड़ में लगी है। कोई सर्दी की परवाह किए बिना आधी रात से ही एटीएम-बैंक के सामने खड़ा हो रहा है, तो कइयों ने तो गजब का दिमाग लगाया है।
आम जनता के जुगाड़ का एक नमूना देखने को मिला पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार फेस एक में। गौरतलब है कि केंद्र सरकार के आदेशानुसार एक एटीएम कार्ड को 24 घंटे के अंदर दुबारा प्रयोग में नहीं लाया जा सकता है, ऐसा करने पर एटीएम अस्थायी रूप से ब्लॉक हो जा रहा है। अमित (बदला हुआ नाम) नाम के एक शख्स ने बताया कि कैसे लगभग दस मिनट के अंदर ही एक ही एटीएम के जरिए दो लेन-देन कर सकते हैं।

अमित ने कहा, ‘रात बारह बजे के ठीक पहले अगर आप कतार से बचते हैं या कतार में खड़े होने के बावजूद आपका इस समय नंबर आता है तो 12 बजे के कुछ मिनट पहले तय सीमा 2500 रुपए का पहला लेन-देन कर लें, उसके बाद कुछ मिनट एटीएम केबिन के अंदर ही इंतजार में रहें और मिनट की सूई 12 से आगे निकलते ही जैसे ही नई तारीख आ जाती है आप दूसरी लेनदेन करना शुरू कर दें, इस तरह से एक एटीएम के जरिए आप 10 से 20 मिनट के अंदर 5000 रुपए तक निकाल सकते हैं।’ जब अमित यह किस्सा सुना रहे थे तो आस-पास के लोगों, खासकर जिनके पास केवल एक एटीएम कार्ड था, को यह रामबाण की तरह लगा और सोचने लगे कि इस उपाय पर अमल किया जा सकता है। वहीं कुछ अन्य लोगों ने कहा कि दिन में कतार में खड़े होने का न तो उनके पास समय और छुट्टी है और न ही धैर्य। ऐसे में उनका पास लक्ष्मी की सवारी उल्लू की तरह आधी रात को एटीएम के सामने खड़े रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं। मदर डेयरी के पास कपड़े की दुकान में काम करने वाले राकेश ने कहा कि उनका काम ही रात 12 से 2 बजे तक एटीएम मशीन के सामने खड़ा होना है।

जिनके पास समय की पाबंदी नहीं है वो तो बंद एटीएम के सामने ही बैठ जा रहे हैं ताकि जब एटीएम खुले तो पैसे निकल जाएं। मयूर विहार फेस-1 में कुछ दिन पहले एसबीआइ (जयपुर एवं बीकानेर) के सामने दो वृद्धाएं ऐसा ही करती दिखीं, लेकिन उनकी तपस्या का फायदा इस संवाददाता और आस-पास खड़े इक्के दुक्के लोगों ने भी उठाया। नोटबंदी पर सूरते हाल जानने निकली जब संवाददाता इन महिलाओं से बातचीत कर रही थी तो वहां खड़ा गार्ड भी शामिल हो गया और बताने लगा कि एटीएम में पैसे हैं पर मशीन को दुरुस्त करने का काम चल रहा है। इतने में उक्त गार्ड ने सूचना दी कि एटीएम ठीक हो गया है और शटर उठाने लगा, फिर क्या था दोनों वृद्धाओं के बाद इस संवाददाता ने भी निकासी की और आस-पास खड़े एक दो लोग भी लगे हाथ निकासी करने लगे। हालांकि, तब तक लंबी कतार लग चुकी थी, लेकिन कतार में न खड़े होने के बावजूद हाथ में नकदी होने की खुशी दोनों वृद्धाओं के साथ-साथ उन इक्के-दुक्के लोगों के चेहरे से छलक रही थी। इस पर वहां खड़े कुछ एक लोगों ने कहा…मोदी सरकार ने तो खुशियों की परिभाषा ही बदल दी, पहले लोग बैंक बैलेंस से खुश रहते थे, आज बैंक से नकदी निकाल कर खुश हैं।