ऐप आधारित कैब सेवा के हड़ताली चालकों ने मंगलवार को मजनू का टीला से लेकर सिविल लाइन स्थित परिवहन मंत्री जैन के आवास तक पैदल मार्च निकाला। इस तरह दिल्ली-एनसीआर में 12वें दिन भी कैब चालकों की हड़ताल जारी रही।  हड़ताल का आह्वान करने वाले संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि दिल्ली सरकार कंपनी और कैब चालकों के बीच मध्यस्थता करने के लिए तैयार हो गई है। दिल्ली सरकार के प्रतिनिधि गुरुवार को हड़ताली कैब चालकों की मांगों को लेकर कैब कंपनियों से मिलेंगे।  सर्वोदय ड्राइवर एसोसिएशन आॅफ दिल्ली के अध्यक्ष कमलजीत का कहना है कि परिवहन मंत्री सत्येंद्र जैन 23 फरवरी को ओला-उबर के अधिकारियों से मिलेंगे। यह मुलाकात जैन के आवास पर तय हुई है। मंगलवार को हड़ताली कैब चालकों के पैदल मार्च के बाद यह मध्यस्थता स्वीकारने की बात सामने आई है। इसके साथ ही कमलजीत का कहना था कि फिलहाल हमारी हड़ताल जारी रहेगी। हमारी मांग जायज है। हम 6 रुपए प्रतिकिलोमीटर में कैब नहीं चला सकते।

अब लड़ाई निर्णय करने की है। अब कंपनी को तय ही करना होगा। वहीं लोगों को हो रही परेशानी को लेकर कमलजीत का कहना था किहमारा उदेश्य आम आदमी को परेशानी में डालना नहीं है। दिल्ली-एनसीआर में पिछले 12 दिनों से हड़ताल होने से दैनिक कैब यात्री बेहद परेशान हैं। हमें इसका अहसास है। कैब कंपनियां जितनी जल्दी हमारी मांगें मान लेंगी, हम उतनी जल्दी अपनी गाड़ियां लेकर सड़क पर उतर आएंगे।वहीं मंगलवार को कैब चालकों के पैदल मार्च में जुटी भीड़ के कारण मजनू का टीला गुरुद्वारा के पास सड़कें जाम रहीं। 11 बजे शुरू हुए मार्च के कारण सड़क एक तरफ ही गाड़ियों के आवागमन के लिए खुली थी। इससे करीब सवा घंटे तक लोगों को जाम से जूझना पड़ा। हालांकि कैब चालकों की हड़ताल के बावजूद धीरे-धीरे सड़कों पर कैब चलने लगी हैं। मंगलवार को हड़ताल और पैदल मार्च के बावजूद नई दिल्ली स्टेशन, कस्तूरबा गांधी मार्ग और कनॉट प्लेस के इनर सर्किल में कैब चलती दिखीं।