राजधानी के लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) में वेंटीलेटर नहीं मिलने के कारण बुखार से पीड़ित एक युवती की मौत हो गई है। तेज बुखार से पीड़ित 20 साल की गुंजन अस्पताल की एक कर्मचारी की ही बेटी थी। गंभीर हालत के बावजूद उसे अस्पताल में वेंटीलेटर नहीं मिलने पर स्थिति और बिगड़ गई। बाद में उसे जीबी पंत अस्पताल रेफर कर दिया गया जहां वेंटीलेटर तो मिला, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और उसे बचाया नहीं जा सका। कर्मचारियों का आरोप है कि अस्पताल में कर्मचारियों के इलाज का अलग से कोई इंतजाम नहीं होने के कारण उनको भी अव्यवस्था का शिकार होना पड़ रहा है। हंगामे के बाद पंत अस्पताल प्रशासन ने कर्मचारियों के साथ बैठक की जिसमें भरोसा दिलाया गया कि कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक इंतजाम किए जाएंगे।
लक्ष्मी नगर निवासी गुंजन को शुक्रवार सुबह तेज बुखार के बाद एलएनजेपी अस्पताल लाया गया। गुंजन की मां यहीं पर असिस्टेंट नर्सिंग सुप्रिटेंडेंट हैं। गुंजन की शुरुआती जांच की गई तो पता चला कि तेज बुखार के साथ ही उसके शरीर में खून की भारी कमी थी। उसके खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा महज 3.2 थी और प्लेटलेट्स भी घटकर काफी कम यानी 47000 हो गए थे। परिजनों के मुताबिक गुंजन की हालत लगातार बिगड़ रही थी और सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। उसे तुंरत आइसीयू और वेंटीलेटर की जरूरत थी, लेकिन न तो आइसीयू में बिस्तर खाली थे, न ही वेंटीलेटर। हालत बिगड़ते देख उसे रात तक जीबी पंत अस्पताल रेफर कर दिया गया। यहां उसे आइसीयू और वेंटीलेटर तो मिला, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और उसे बचाया नहीं जा सका। शनिवार सुबह करीब पौने छह बजे गुंजन की मौत हो गई।
घटना से नाराज कर्मचारियों ने पंत अस्पताल में जमकर हंगामा किया। पंत अस्पताल के नर्सेज यूनियन के महासचिव लीलाधर रामचंदानी ने कहा कि डेंगू और चिकनगुनिया के कारण कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द हैं, जबकि इस बीमारी की चपेट में कर्मचारी व उनके परिजन भी आ रहे हैं। ऐसे में हम काम छोड़ नहीं सकते। अगर कर्मचारियों के परिजन बीमार हैं तो वह न तो अपना काम छोड़ सकते हैं और न ही उनके लिए अलग से इलाज का कोई इंतजाम है। ऐसे में हमें इलाज की उसी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है जिससे दूसरे मरीज गुजरते हैं, जबकि कर्मचारियों के लिए अलग इंतजाम होना चाहिए ताकि उन्हें कम दिक्कत हो। इलाज के अलग इंतजाम की मांग को लेकर उन्होंने चिकित्सा निदेशक डॉ राजीव चावला से भी मुलाकात की, जिन्होंने कर्मचारियों के साथ बैठक कर भरोसा दिलाया कि उनकी मांग पर गौर किया जाएगा।
राजधानी में डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया सहित कई तरह के बुखार से लोग हलकान हैं, लेकिन सरकारी तंत्र अपने ढंग से ही काम कर रहा है। विशेष इंतजाम के नाम पर अस्पतालों में बिस्तर तो बढ़ा दिए गए हैं, लेकिन इसके अलावा कोई भी इंतजाम नहीं किया गया है। अस्पतालों में जरूरत भर के वेंटीलेटर तक नहीं हैं।
वेंटीलेटर मिलने में देरी से युवती की हुई मौत!