बीते हफ्ते एक 15 साल की लड़की 3 लाख रुपये कैश से भरा बैग लेकर दिल्ली सथित अमन विहार पुलिस थाने पहुंची। जब पुलिसवालों ने उससे पूछा कि उसे इतने पैसे कहां से मिले तो वे जवाब सुनकर हैरान रह गए। लड़की के मुताबिक, उसके साथ पिछले साल गैंगरेप हुआ था और आरोपी ने ये पैसे उसके घरवालों को दिए हैं ताकि वे केस वापस ले लें। लड़की ने यह भी आरोप लगाया कि घरवाले उस पर कोर्ट में बयान बदलने का भी आरोप लगा रहे हैं। डीसीपी (आउटर) एमएन तिवारी ने बताया कि लड़की की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत पर मां को गिरफ्तार कर लिया गया है। तिवारी ने कहा, ‘हमें लड़की के पिता की तलाश है। लड़की को फिलहाल संरक्षण गृह भेज दिया गया है।’

पुलिस के मुताबिक, एक प्रॉपर्टी डीलर और उसके चार सहयोगियों ने पिछले साल अगस्त में कथित तौर पर लड़की का गैंगरेप किया था। आरोपियों को जेल भेज दिया गया था। डीसीपी ने कहा, ‘आरोपियों ने मामले को हल्का करने के लिए लड़की के घरवालों से सौदा किया। घरवालों ने आरोपियों से 3 लाख 96 हजार रुपये लिए और लड़की पर केस वापस लेने का दबाव बनाया।’ पुलिस के मुताबिक, घरवालों ने लड़की से मारपीट की और आरोपियों ने अपने सहयोगियों के जरिए लड़की को धमकाया। बाद में लड़की ने पाया कि उसके घरवालों ने आरोपी से पैसे ले लिए हैं। वह पैसों समेत घर से भाग गई।

एक अधिकारी ने बताया, ‘लड़की ने देखा कि उसके घरवालों ने बिस्तर के नीचे पैसे रखे हैं। 10 अप्रैल को जैसे ही उसके घरवाले अदालत गए, उसने पैसे निकाले और पुलिस स्टेशन पहुंच गई। लड़की ने अपने घरवालों और आरोपी के बीच हुए सौदे की जानकारी दी।’ पुलिस ने दावा किया कि आम तौर पर जब कोई नाबालिग पुलिस स्टेशन आता है तो उसके घरवालों को जानकारी दी जाती है। हालांकि, इस मामले में पुलिस ने लड़की के बयान पर कार्रवाई की। पुलिस ने चाइल्ड वेलफेयर कमिशन के लोगों को बुलाया, जिन्होंने लड़की की काउंसिलिंग की। पुलिस के मुताबिक, लड़की ने अपने घरवालों के खिलाफ आवाज उठाकर बहादुरी का सबूत दिया है।