दिल्ली पुलिस ने नकली सिक्के बनाने वाली फैक्ट्री का भांडाफोड़ किया है। बवाना क्षेत्र में पुलिस ने एक फैक्ट्री सीज की है। इसका खुलासा तब हुआ तब पुलिस ने एक डिस्ट्रीब्यूटर, नरेश कुमार को रोहिणी चेक पोस्ट पर संदिग्ध नजर आने पर रोका गया। फैक्ट्री से करीब एक लाख सिक्के सीज किए गए हैं। फैक्ट्री के सरगना जिनका कोड नाम राजू और सोनू बताया जा रहा है, को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम बना दी गई हैं। फैक्ट्री के मैनेजर राजेश कुमार को हिरासत में लिया गया है। पुलिस अभी तक उस श्रृंखला का पता नहीं लगा पाई है जिसके जरिए सिक्के सर्कुलेट किए जाते थे। पुलिस को शक है कि गैंग को सीमा पार से मदद मिल रही होगी। चेक पोस्ट पर जब कुमार को रोका गया तो उसके पास दो प्लास्टिक बैग मिले, जिसमें भारतीय सिक्कों के 20-20 पैकेट भरे हुए थे। हर पैकेट में 100 सिक्के थे। रोहिणी में श्रीबालाजी मंदिर के नजदीक पोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मियों ने बताया कि पहले तो कुमार ने तेजी से निकलने की कोशिश की, मगर उसे रोक लिया गया।
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पूछताछ में, कुमार ने कहा कि वह एक मैनेजर है और मीटिंग के लिए लेट हो रहा है। जब उसे कार से बाहर निकलने को कहा गया, तब पुलिस ने सिक्के बरामद किए। कुमार को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। पुलिस की सख्ती पर वह टूट गया और उसने खुलासा किया कि वह फर्जी सिक्के बनाने वाले दो भाइयों से जुड़ा हुआ है। दोनों ने उसे सिक्के बांटने पर अच्छा-खासा कमीशन देने का वादा किया था। कुमार ही पुलिस को बवाना स्थित फैक्ट्री लेकर गया, जहां के वर्कर्स को बाहर आने की इजाजत नहीं थी।
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ज्वाइंट कमिश्नर संजय सिंह ने इस पूरे सिंडिकेट को खत्म करने के लिए डीसीपी एमएन तिवारी के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई है। तिवारी ने कहा, ”इंस्पेक्टर समरपाल की अगुवाई में टीम ने बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित फैक्ट्री पर छापा मारा। हमने मशीनें, डाई और रसायन सीज किए हैं। हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि उन्हें रॉ मैटेरियल कहां से मिल रहा था।”