पर्यावरण मंत्रालय ने ठोस कचरे के निस्तारण को लेकर नए नियम जारी किए हैं। इसके चलते अब कॉन्डम, सैनिटरी पैड्स और डायपर बनाने वाली कंपनियों को इनके साथ रैपर भी देने होंगे, जिनके जरिए इनका निपटारा किया जा सके। इसके पीछे तर्क है कि यूज्ड कॉन्डॅम, सैनिटरी पैड अगर रैपर में पैक नहीं होते हैं तो कचरा बीनने वाले उन्हें उठाते नहीं हैं। पर्यावरण मंत्रालय ने मंगलवार को यह प्रावधान लागू कर दिया है। नए नियमों के बाद सरकार ने उम्मीद जताई है कि इन सामानों को बनाने वाली कंपनियां लोगों को इनके उपयोग के बारे में जागरूक भी करेगी।
नए नियम पूरे देश में स्थानीय निकायों द्वारा जारी किए जाएंगे। निकायों को बड़े पैमाने पर इस तरह का कचरा निकालने वालों से यूजर चार्ज वसूलने का अधिकार भी दिया गया है। साथ ही कचरे को कहीं भी डाल देने वालों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान भी किया गया है। नए नियम मंगलवार से लागू हो गए हैं। लेकिन निकायों को इन्हें लागू करने के लिए 6 महीने का समय दिया गया है। 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों को ठोस कचरे के निस्तारण के लिए प्रोसेसिंग यूनिट भी लगानी होगी।