दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों और संघ के कार्यकर्ताओं की विशेष पहल ‘उड़ान’ के जरिए छात्रों को एक ऐसा मंच मिलने का दावा किया गया है जो उनके अभिनय को राष्ट्रीय स्तर पर उकेर देगा। दिल्ली विश्वविद्यालय में होने वाला ‘उड़ान उत्सव’ कातीन दिवसीय आयोजन मंगलवार को शुरू हुआ। इसमें डीयू समेत दिल्ली एनसीआर के 50 से ज्यादा कॉलेजों के छात्र भाग लेकर नाट्य व अभिनय के जरिए अपने हुनर का लोहा मनवाने उतर चुके हैं। अव्वल आने वाली टीम को राष्ट्रीय नाट्य संस्थान (एनएसडी) में विशेष कार्यशाला से जुड़ने का अवसर मिलेगा। जिसमें नीतिश भारद्वाज (महाभारत के कृष्ण), मनोज वाजपेयी सरीखे वरिष्ठ कलाकारों के साथ काम करने व सीखने का मौका मिलेगा। टीम के सदस्य व सत्यवती (सांध्य) कॉलेज के शिक्षक डॉक्टर संजय ने कहा कि राष्ट्र के विकास के लिए यह उड़ान जरूरी है। उन्होंने कॉलेजों का दौरा कर सभी से इस कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच राष्ट्रभक्ति का संचार करेगा। इसमें अभिनेता से सांसद बने मनोज तिवारी और अनुपम खेर भी सत्र में छात्रों की हौसलाअफजाई करेंगे।
उड़ान की टीम ने प्रसिद्ध लेखक अदवेता काला, सुतितो सेन, सेंसर बोर्ड के सदस्य चंद्रकांत द्विवेदी सहित पांच लोगों को जज बनाया है। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शिक्षकों व छात्रों को उत्साहित किया। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का मकसद समाज में घट रही घटनाओं के ऊपर विभिन्न माध्यमों से अपनी सोच जाहिर करना है। उड़ान उत्सव का समापन 22 सितंबर को होगा। जिसमें विजेता टीमों की घोषणा होगी। जो टीमें विजेताओं में स्थान बना पाएंगी, उन्हें एनएसडी से जुड़ने और सीखने का मौका मिलेगा। उनके हुनर को राष्ट्रीय मंच मिलेगा और उनके करिअर को उड़ान मिल सकेगी!
‘उड़ान उत्सव’ के संयोजन टीम की सदस्य एसोसिएट प्रोफेसर व डीयू की अकादमी परिषद की सदस्य गीता भट्ट के मुताबिक, यह तमाम ऐसे उत्सवों से इसलिए भी अलग है क्योंकि यह राष्ट्रवाद और सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित है। मंगलवार को 20 से ज्यादा कॉलेजों की टीम ने दिए थीम पर अपनी प्रस्तुति दी। समाज को संवेदनशील बनाने वाले कई मुद्दे पहले दिन छा गए। मसलन ‘कैदियों की समस्या’, ‘दिव्यांगों की समस्या’, लैंगिक भेद, जाति संप्रदाय विभेद आदि से उठकर मानव केंद्रित समाज बनाने पर छात्रों ने नाट्य प्रस्तुति दी। इसके अलावा समाज में बढ़ती नकारात्मक प्रवृत्ति , विभाजन, विस्थापितों के मुद्दों पर भी छात्रों ने लोगों को झकझोरा। मिरांडा हाउस, दौलतराम, एआरएसडी, भारती कॉलेज के अलावा नोएडा के संस्थानों की टीम ने प्रस्तुति दी।
