अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में लगी आग की घटना के करीब डेढ़ महीने बाद भी अभी तक मामले की जांच रिपोर्ट नहीं आई है। भले ही एम्स निदेशक ने आग लगने के अगले दिन ही स्थिति सामान्य होने का दावा किया था, लेकिन न ही नुकसान का लेखा जोखा हो पाया है और न ही प्रभावित हिस्से के सभी चिकि त्सकों को अभी तक बैठने की जगह मिली है। वे किसी तरह वार्डों में गलियारे व सेमिनार कक्ष में अपना काम चला रहे हैं। यह ही नहीं कंप्यूटर व प्रिंटर जैसे बुनियादी जरूरत के सामान का भी इंतजाम जुगाड़ लगा कर कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक अभी कुछ और नमूने जांच के लिए जाएंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि मामले की अंतरिम रिपोर्ट चार या पांच अक्तूबर तक आएगी। आग के प्रभाव से उबरने के वैकल्पिक इंतजाम किए जा रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक पहले एम्स प्रशासन ने विभागीय जांच ही कराने का मन बनाया था। लेकिन निदेशक के साथ हुई तमाम अधिकारियों की बैठक में कोई भी संकाय सदस्य इसके पक्ष में नहीं थे। इसकी बाहरी एजंसी से उच्चस्तरीय जांच की मांग की जाती रही। एम्स प्रशासन की संकाय सदस्यों व विभागाध्यक्षों के साथ दो बार की बैठक के बाद तय हुआ कि जांच नेशनल काउंसिल आॅफ सीमेंट एंड बिल्डिंग मटीरियल रिसर्च से कराई जायगी। इसके बाद जांच प्रकिया शुरू हुई। जो अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। पता चला है कि अभी कुछ नमूने और लिए जा सकते हैं। उसके बाद ही इस मामले में अंतरिम रपट जारी की जाएगी।
राहत शिविर सा नजारा अभी भी
आग लगी इमारत के हिस्से में कहीं मरम्मत चल रहा है तो कहीं ताला लगा कर सुरक्षा गार्ड बिठाए गए हैं। संकाय सदस्य राहत शिविर सरीखे आबंटित छोटे से जगह में काम कर रहे हैं। नोटिस बोर्ड पर पेपर पिन के सहारे तौलिया टांगे हैं जो मरीज देखने के बाद, हाथ धोने पोछने के लिए जरूरी हैं तो कहीं टूटे स्टूल पर किसी तरह से टिकाकर रखा प्रिंटर रखा गया है। चिकित्सक मरीजों के अलावा पठन-पाठन के दस्तावोजों भी सहेजने की कोशिश कर रहे हैं। एक संकाय सदस्य ने कहा कि उनको अपने दस्तावेज फिर से बनवाने के लिए सबूत के तौर पर आग में उसके जल जाने का प्रमाणपत्र चाहिए लेकिन अभी तक उनको एम्स प्रशासन की ओर से ऐसा कोई सहायक दस्तावेज नहीं मिल पाया है। गौरतलब है कि एम्स में 17 अगस्त को लगी आग में एम्स के कई संकाय सदस्यों के कमरे, कई प्रयोगशालाएं, काफी मशीनें, जांच नमूने व अहम दस्तावेज जल कर खाक हो चुके हैं अथवा भीग कर खराब हो चुके हैं।

