दिल्ली पुलिस के अधिकारी आम लोगों के फोन को भले ही नजरअंदाज करते हों, लेकिन उनके मोबाइल इस्तेमाल पर भारी-भरकम रकम खर्च होती है। दिल्ली पुलिस इंस्पेक्टर और एसीपी को 1000 रुपए और उपायुक्त व उनसे ऊपर के अधिकारियों को 1500 रुपए महीने का मोबाइल रिचार्ज और इंटरनेट खर्च देती है। सवाल यह है कि मोबाइल का खर्च तय होने के बावजूद इनका खर्च लाखों में कैसे पहुंचा? पुलिस की ओर से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, मोबाइल और इंटरनेट बिल पर 2012 से 30 जुलाई 2017 तक करीब 2.20 करोड़ रुपए खर्च हुए। मोबाइल रिचार्ज कराने में अपराध शाखा अव्वल है। उनके अधिकारियों के खर्च हर साल बढ़ रहे हैं और वे लाखों में जा रहे हैं। दिल्ली पुलिस कई संगीन वारदातों का खुलासा मोबाइल की मदद से ही करती है, ऐसे में उसका खर्च लाखों-करोड़ों में होना जायज ही है? लेकिन अगर यही जांबाज अधिकारी मोबाइल पर आम लोगों की शिकायतें सुनते तो फिर इनका खर्च कितना होता, इसका अनुमान लगाया जा सकता है। सूचना का अधिकार (आरटीआइ) कार्यकर्ता जीशान हैदर ने जब दिल्ली पुलिस के सभी जिलों और यूनिटों के मोबाइल, इंटरनेट और मोबाइल खरीद पर खर्च का लेखा-जोखा जानने की कोशिश की तो चौंकाने वाले जवाब मिले।
अपराध शाखा और मध्य जिला के अधिकारियों ने खर्च किए लाखों
जनवरी 2012 से 30 जुलाई 2017 तक के ब्योरे के मुताबिक, अपराध शाखा का मोबाइल खर्च हर साल बढ़कर हजार से लाखों में पहुंच रहा है। शाखा के अधिकारियों ने 2012 में जहां 88176 रुपए खर्च किए तो वहीं 2016 में 576030 रुपए और इस साल 30 जुलाई तक ही 847434 रुपए खर्च किए गए। इसी तरह मध्य जिले के अधिकारियों ने 2012 में 54346 रुपए, साल 2016 में 553740 रुपए और 2017 में 680483 रुपए तक मोबाइल पर खर्च किए।
दक्षिण-पश्चिम जिला भी पीछे नहीं
दक्षिणी व बाहरी जिला के पुलिस अधिकारियों ने आरटीआइ का जवाब नहीं दिया है जबकि दक्षिण-पश्चिम जिला में मोबाइल पर 1950800 रुपए खर्च हुए हैं। नई दिल्ली जिले के पुलिस अधिकारियों ने 1259924 रुपए, पूर्वी जिला 2106735, उत्तर-पश्चिम जिला में 2219829, नवनिर्मित शाहदरा जिला में 228584 रुपए, राष्ट्रपति भवन में तैनात अधिकारी 244097 रुपए जबकि दूसरी बटालिन में 47511, प्रथम बटालियन के 125523 रुपए और 7वीं बटालियन के अधिकारी 35623 रुपए खर्च किए। इसके अलावा आरटीआइ के जवाब में यह भी पता चला है कि पुलिस अधिकारियों ने छह साल में महंगे स्मार्टफोन खरीदने पर भी लाखों रुपए खर्च किए हैं।

