राजधानी दिल्ली में कोरोना अस्पताल बने गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल का बुरा हाल है। अस्पताल में कॉकरोच व चूहों का बोलबाला है। कॉकरोच वार्डों में मरीजों के बिस्तरों तक पहुंच जाते हैं। चूहों से डरकर मरीज उठ जाते हंै और भी कई खामियां हैं जिनसे मरीज परेशान हैं। अस्पताल के जहां मरीज इन बातों से परेशान हैं। वहीं, डाक्टर व दूसरे कर्मी भी चूहों व कॉकरोच के आंतक से त्रस्त हैं।

दिल्ली सरकार के जीटीबी अस्पताल में कायाकल्प होना शुरू तो हुआ है लेकिन अभी भी तमाम दिक्कते हैं, जिनसे मरीजों को दो चार होना पड़ रहा है। मरीजों को वार्डों में, फ्लू क्लीनिक व आपात सहित तमाम पुराने वार्डों व बिस्तरों में काकरोच घूमते नजर आते हैं। कई बार मरीज चूहा कूदने से एकदम से उठकर बैठ जाते हैं। पिछले दिनों चूहा काटने के मामले भी सामने आए हैं। जिसका कोई इंजेक्शन भी नहीं लगाया जाता।

यहीं पर भर्ती एक मरीज के चाचा रमेश ने बताया कि उनकी भतीजी को एक तो कोरोना के कारण अकेले ही अस्पताल में रहना पड़ रहा है। जो उसके लिए मुश्किल है। दूसरे एक रात जब वो सोने की कोशिश कर रही थी, तभी चूहा उसके बिस्तर पर से दौड़ते हुए दूसरी तरफ कूद गया। उसे चूहे व छिपकली से बहुत डर लगता है। वह बुरी तरह डर गई। उस दिन के बाद से वह इतना डर गई है कि ठीक से सो नहीं पा रही है। दूसरे संक्रमण का भी
खतरा है।

वर्दी काट देते हैं चूहे : डॉक्टर
हमने जब अस्पताल कर्मियों से या सिस्टर से इस बारे में बात करनी चाही तो उन्होंने इस बारे में कुछ भी कर पाने में असमर्थता जाहिर की। उल्टे एक कर्मचारी ने कहा कि हम तो खुद ही परेशान हैं कई बार चूहे अस्पताल में काम आने वाली वर्दी तक काट देते हैं। एक डाक्टर ने बताया कि चूहों का आंतक तो ऐसा है कि कई बार जरूरी कागज तक चूहे कुतर देते हैं।

खाने के सामान में घुस जाते हैं कॉकरोच
यहीं अपने मरीज को अस्पताल से लेने आए एक अन्य तीमारदार रोशन ने कहा कि यहां तो चूहे ही नहीं बिस्तर पर काकरोच भी घूमते मिलते हैं। मरीज को हम खाने पीने का कुछ सामान देकर जाते हैं तो वह उसमें भी घुस जाते हैं। जिससे खाने पीने का सामान खाने लायक नहीं रह जाता। उन्होंने बताया कि यों तो अस्पताल से खाना नाश्ता मिलता है लेकिन अगर बाकी समय में मरीज को भूख लगे तो उसके लिए हम घर वाले घर से कुछ खाने पीने का सामान देने आते हैं। उन्होंने बताया कि पहले तो मरीज से मिलने नहीं दिया जाता था, लेकिन अब टैबलेट पर वीडियो कॉल की सुविधा शुरू की गई है। जिससे
राहत है।

‘हम निजात पाने की तैयारी में हैं’
अस्पताल के नोडल अधिकारी विनय भूषण ने कहा कि हम अस्पताल में पेस्ट कंट्रोल कराने की तैयारी में है। इसके बाद चूहे व काकरोच की समस्या से निजात मिल जाएगी। इसी तरह मरीजों के पंजीकरण सहित तमाम ब्योरा आॅनलाइन करने का भी काम चल रहा है। जिससे तमाम मरीजों के सेहत का डाक्टरों व मरीजों को आॅनलाइन जानकारी मिल सकेगी। कोरोना मरीजों को अकेले में बेचैनी या अवसाद न घेरे इसके लिए वार्डों में टीवी लगाए जाने की भी तैयारी है।