कांग्रेस की महासचिव अंबिका सोनी ने पार्टी से अपने इस्तीफे की खबरों से इंकार करते हुए आज कहा कि उन्होंने पाटी नेतृत्व से स्वास्थ्य कारणों से उनके दायित्वों को कम करने के लिए कहा था। अंबिका हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड तथा जम्मू कश्मीर की प्रभारी महासचिव हैं। उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘इस्तीफे का कोई सवाल ही नहीं है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैंने पार्टी नेतृत्व से कहा था कि मेरे स्वास्थ्य के कारण पार्टी में वह मेरे दायित्वों को हल्का करें।’’ उन्होंने कहा कि नयी नियुक्तियां होने तक वह अपनी जिम्मेदारियां निभाती रहेंगी। अंबिका ने कहा कि उन्होंने पिछले साल ही पार्टी नेतृत्व से कहा था कि हिमाचल प्रदेश में इस साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं तथा उनके स्वास्थ्य के कारण तीन पर्वतीय राज्यों में घूमना उनके लिए मुश्किल है।
बहरहाल वह पार्टी महासचिव एवं राज्यों की प्रभारी बनी रहेंगी। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘हम उनके इस्तीफे के बारे में हमारे विरोधियों द्वारा फैलायी जा रही अटकलों का कड़ा विरोध करते हैं।’’ उन्होने कहा, ‘‘एक वर्ष पहले अंबिका सोनी ने पार्टी नेतृत्व से अनुरोध किया था कि उनकी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उनके दायित्वों को कम किया जाए। पार्टी ने हमेशा उनके अनुभव एवं कुशाग्रता का उपयोग किया है और करती रहेगी।’’ कांग्रेस नेतृत्व कुछ नये चेहरों को प्रमुख भूमिका में लाकर पार्टी के पुनर्गठन प्रक्रिया में लगी है। यह 15 अक्तूबर को संगठनात्मक चुनाव खत्म होने से पहले पूरा किया जा रहा है।
अंबिका सोनी कांग्रेस की वरिष्ठ और दिग्गज नेताओं में से एक मानी जाती हैं। वह यूपीए 1 और यूपीए 2, दोनों सरकारों के कार्यकाल के दौरान केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं। वह पर्यटन एवं संस्कृति और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालयों का कार्यभार भी संभाल चुकी है। इसके अलावा वह पार्टी की वर्किंग कमिटी की सदस्य भी हैं और पंजाब सीट से राज्य सभा सदस्य हैं।