अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्(एबीवीपी) की जेएनयू यूनिट के उपाध्‍यक्ष जतिन गोराया ने शुक्रवार को अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया। उन्‍होंने बताया कि दलितों पर हुए हमलों को लेकर एबीवीपी के रुख से वे थक चुके हैं। गोराया उन छात्रों में से एक थे जिन्होंने कुछ महीनों पहले दलित और महिला विरोधी प्रदर्शन के तहत यूनिवर्सिटी कैंपस में मनुस्‍मृति के पन्‍ने जलाए थे। गोराया ने कहा, ”कुछ समय से मेरे एबीवीपी से मतभेद हैं। उन्‍होंने रोहित वेमुला मामले में कोई स्‍टैंड नहीं लिया और दलितों को लेकर हाल ही में हुई घटनाओं को लेकर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। जेएनयू छात्रसंघ चुनावों से पहले मैंने यह स्‍टैंड लेने का फैसला लिया है।”

इससे पहले फरवरी में एबीवीपी की जेएनयू यूनिट के ज्‍वॉइंट सेक्रेटरी प्रदीप नरवाल और दो अन्‍य लोगों ने अपने पदों से इस्‍तीफा दे दिया था। उन्‍होंने नौ फरवरी को हुई घटना के बाद हुए झगड़ों के चलते यह फैसला लिया था। गोराया ने बताया कि उन्‍होंने अभी किसी और राजनीतिक संगठन से जुड़ने का फैसला नहीं लिया है। लेकिन कई लोग हैं जो न तो लेफ्ट और न राइट से संतुष्‍ट है। उन्‍होंने आगे कहा कि उनका इस्‍तीफा रोहित वेमुला के सिद्धांतों को एक श्रद्धाजंलि है।

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गौरतलब है कि जेएनयू में इसी साल के शुरुआत में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने की बरसी पर कार्यक्रम आयोजित हुआ था। इस कार्यक्रम में देशविरोधी नारे लगाए जाने की बात सामने आई थी। इसके बाद काफी बवाल हुआ था। जेएनयू छात्रसंघ अध्‍यक्ष कन्‍हैया कुमार समेत कुछ छात्रों को गिरफ्तार भी किया गया था।