पुरस्कार वापसी अभियान की शुरुआत करने वाली मशहूर लेखिका नयनतारा सहगल ने शनिवार को साफ किया कि वे अपने लौटाए पुरस्कार को फिर से नहीं ले रही हैं और साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कार वापस नहीं लिए जाने की नीति की घोषणा के समय को लेकर उन्होंने सवाल उठाए हैं। टाटा स्टील कोलकाता साहित्य उत्सव के दौरान सहगल ने कहा कि मुझे नहीं पता कि इस तरह की झूठी बातें क्यों फैलाई जा रही हैं कि मैंने पुरस्कार वापस ले लिया है। साहित्य अकादमी ने शनिवार को मुझे फोन किया कि लौटाए गए पुरस्कार को रखने की उनकी कोई नीति नहीं है और इसलिए वे मेरे भेजे चेक को लौटा रहे हैं।
साहित्य अकादमी के फैसले के समय को लेकर पूछे जाने पर 88 साल की लेखिका ने कहा- मेरा मानना है कि रोहित आत्महत्या मामले से यह काफी कुछ जुड़ा हुआ है जिसे मैं हत्या कहती हूं। यह हत्या है। तकनीकी रूप से यह आत्महत्या है लेकिन उसे मजबूर किया गया। अकादमी ने शुक्रवार को कहा था कि इसके संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि किसी लेखक को एक बार सम्मानित करने के बाद वह उसे वापस ले। अकादमी ने यह भी कहा कि कुछ लेखकों ने लौटाए गए सम्मान को वापस ले लिया है।

