पंजाब के मोगा में गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली में नवजोत सिंह सिद्धू को न बुलाए जाने पर विवाद छिड़ गया है। नाराज सिद्धू ने कहा कि इससे पहले 2004 में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की रैली में उन्हें बोलने से रोका गया था। उस समय सिद्धू भाजपा का हिस्सा थे और अमृतसर से सांसद थे। उन्होंने कहा, ‘मैं यह नहीं जानता कि मैं राहुल की रैली में बोलने के लिए सही हूं या नहीं, एक वक्ता और पार्टी प्रचारक के तौर पर सही हूं या नहीं। मुझे बुलाया जाए या नहीं ये मेरे हाथ में नहीं है। लेकिन इन सब चीजों से एक बात तय है कि पार्टी ने मुझे मेरी जगह दिखा दी है। यह बात साफ हो गई है कि कौन लोग आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रचार करेंगे।’
जाखड़ बोले- सिद्धू को होना चाहिए था रैली का हिस्साः पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा, ‘सिद्धू को पार्टी की रैली का हिस्सा होना चाहिए था। वो एक बेहतरीन वक्ता हैं और हमारी पार्टी के स्टार प्रचारक हैं। राहुल ने मुझसे पूछा था कि क्या सभी ने भाषण दे दिया है? तो मैंने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है क्योंकि मैं उनके साथ आया था।’
रंधावा ने कहा हमें केवल 4 नाम देने को कहा गया थाः मोगा रैली का आयोजन राज्य के मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने किया था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अमरिंदर और कांग्रेस महासचिव आशा कुमारी ने उन्हें चार वक्ताओं के नाम देने को कहा था। उन्होंने कहा, ‘मुझसे कहा गया कि राहुल को कांगड़ा में अपनी दूसरी रैली में पहुंचने में देरी हो रही है तो सिर्फ जाखड़, आशा कुमारी और राहुल ही भाषण देंगे। अगर मुझे पता होता कि रैली में सिद्धू को भी बुलाया जाना है तो मैं उन्हें फोन करके बुलाता। सिद्धू तो हमारी पार्टी के स्टार प्रचारक हैं और हमारे आपसी संबंध भी बहुत अच्छे हैं।
बता दें कि सिद्धू की तरफ से बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों की संख्या पर सवाल उठाए गए थे जिस पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कड़ी आपत्ति जताई थी।

