उत्तर प्रदेश का मुजफ्फरनगर, यहां 2013 में दो समुदाय दंगे की आग में झुलस गए थे। जिसकी भेंट 50 लोग चढ़ गए थे। अब वहां की एक और हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। मुजफ्फरनगर जिले के बोखरहेदी में नसीम खान नाम के एक शख्स का कत्ल हो गया है। कथित तौर पर नसीम की पत्नी पिंकी के घरवालों ने उसकी जान ली है। क्योंकि उन्होंने मर्जी के खिलाफ जाकर शादी की थी। वे दो सालों से विशाखापट्टनम में रह रहे थे। लेकिन जैसे ही गांव वापस आए उनका हसंता खेलता परिवार उजड़ गया।

पिंकी और नसीम एक स्कूल में पढ़ा करते थे। वहीं दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया। यह बात जब पिंकी के घरवालों को पता लगी तो उसकी पिटाई कर दी गई। दोनों को समझ आ गया था कि घरवाले उनका साथ नहीं देने वाले। इसपर पिंकी भागकर विशाखापट्टनम चली गई। नसीम वहीं काम करता था। फिर दोनों ने वापस गांव आकर शादी कर ली। बाद में पिंकी ने धर्म बदलकर अपना नाम आयशा रख लिया। दो साल तक वे वापस घर नहीं आए। इस बीच पिंकी के घरवाले नसीम के घरवालों को लगातार धमकी देते रहते थे। धमकियों का सिलसिला कई महीनों तक चला और अंत में बंद हो गया। इसपर दोनों ने इस बार की ईद गांव में नसीम के परिवार के साथ मनाने की सोची। पिछले साल नसीम और पिंकी एक बच्चे के मम्मी-पापा भी बने थे। 17 जुलाई को उसका जन्मदिन था। दोनों ने सोचा क्यों ना जन्मदिन भी गांव में ही मना लिया जाए। यह सोचकर वे वहीं रुक गए।

जिस दिन नसीम अपने बेटे के लिए केक खरीदकर लौट रहा था तब ही उसपर हमला हुआ जिसमें वह मारा गया। हमला करने वाले खेतों में छिपे हुए थे और उन्होंने नसीम की मोटरसाइकिल रोककर पहले उसे मारा-पीटा। हमले के वक्त नसीम का भाई उसके साथ था। उसने बताया कि नसीम को तीन या चार गोलियां भी मारी गई थी।

वहीं पिंकी का रो-रोकर बुरा हाल है। पिंकी को मानों यकीन है कि उसके भाई और पिता ने ही नसीम की जान ली है। पिंकी के मुताबिक, नसीम की हत्या के बाद उसने अपने भाई से फोन पर बात की थी। पिंकी ने बताया कि उसके भाई ने उसे और उसके बच्चे को भी मारने की धमकी दी है। फिलहाल पुलिस ने पिंकी के पिता, भाई प्रदीप, सोनू और नीटू के खिलाफ केस दर्ज किया है। इनपर धारा 302, 147, 148, 159 और 506 लगाई गई है। बोखरहेदी के लोगों का कहना है कि वहां ऐसी घटनाएं कम ही देखने को मिली हैं। मुजफ्फरनगर दंगों के वक्त भी वह इलाका काफी शांत था।