Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में जमकर हिंसा हुई है, शुक्रवार रात को वक्फ कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा था। लेकिन देखते ही देखते उस प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया और आगजनी शुरू कर दी गई। बड़ी बात यह रही कि उपद्रवियों ने पथराव भी किया, पुलिस के साथ झड़प भी हुई। उस हिंसा के बाद से ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया, बीजेपी ने ममता सरकार पर गंभीर आरोप लगा दिए।
कैसे भड़की थी हिंसा?
अभी के लिए मुर्शिदाबाद में पुलिस ने स्थिति को कंट्रोल कर लिया है, एक फ्लैग मार्च भी निकाला गया है। लेकिन जमीन पर तनाव बना हुआ है, हिंसा के बाद से ही स्थिति संवेदनशील है। कुछ दिन पहले भी बंगाल के मुर्शिदाबाद में ही बवाल हुआ था, तब भी इस कानून के विरोध में ही हिंसा की गई थी। अब पुलिस ने खुद इस हिंसा की इनसाइड स्टोरी बताई है।
पुलिस वैन पर किसने हमला किया?
पुलिस के मुताबिक शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद एक प्रदर्शन की तैयारी की गई थी। इसी कड़ी में शमशेरगंज में डाकबंगला मोड़ से सुतिर सजुर मोड़ तक राष्ट्रीय राजमार्ग-12 के एक हिस्से को ब्लॉक तक कर दिया था। अब जब तक सिर्फ सड़क पर अवरोध किया गया, प्रदर्शन हिंसक नहीं हुआ था। लेकिन फिर प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस वैन पर पथराव कर दिया। अब किस कारण से यह पथराव हुआ, स्पष्ट नहीं, लेकिन इतना जरूर है कि उस एक घटना के बाद ही प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया।
वक्फ कानून के विरोध में बंगाल में हिंसा
क्या उपद्रवियों ने बम फेंके?
अब क्योंकि पुलिस वैन पर हमला किया गया, सामने से सुरक्षाबलों को भी कार्रवाई करनी पड़ी। पुलिस और उपद्रवी आमने-सामने आ गए और जमकर बवाल हुआ। बताया गया कि इस हिंसा में 10 पुलिसकर्मी घायल हुए। पुलिस की मानें तो उपद्रवी अपने साथ बम जैसा कोई पदार्थ भी लेकर आए थे। उसी वजह से भीड़ को नियंत्रण में करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा, आंसू गैस के गोले भी दागे गए। अब पुलिस के इस एक्शन से गुस्साई भीड़ और ज्यादा भड़क गई और हिंसा फैलती चली गई।
ममता दे चुकी हैं चेतावनी
अभी के लिए राज्यपाल ने सीवी आनंद बोस ने इस हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा की है, उनकी तरफ से सख्त से सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दे दी गई है। जानकारी के लिए बता दें कि जब से वक्फ कानून बना है, सीएम ममता बनर्जी ने मोदी सरकार को निशाने पर ले रखा है। उनका साफ कहना है कि बंगाल में तो वक्फ की कोई जमीन नहीं छीनी जाएगी, वे इस कानून को यहां पारित तक होने नहीं देंगी। यह अलग बात है कि बहस छिड़ चुकी है कि क्या राज्य सरकार के पास ऐसी कोई ताकत है जिससे वो एक कानून को रोक सके? राज्यपाल को दो टूक कह चुके हैं कि कानून मानना पड़ेगा, उनकी पूरी बात जानने के लिए इस खबर का रुख करें