Pragya Singh Petition Withdraw: भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर (Pragya Singh Thakur) ने बांबे हाईकोर्ट (Bombay High Court) में दायर वो याचिका वापस ले ली है, जिसमें उन्होंने खुद को 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस (Malegaon blast case) से डिस्चार्ज करने की अपील की थी। पहले प्रज्ञा ने ऐसी ही अपील एनआईए (NIA) की स्पेशल कोर्ट से भी की थी। लेकिन अदालत ने उनकी अपील को खारिज कर दिया था। उसके बाद वो बांबे हाईकोर्ट पहुंची थीं।

सितंबर 2008 में नासिक जिले के मालेगांव में हुआ था विस्फोट

महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव स्थित मस्जिद के निकट 29 सितम्बर 2008 को हुए बम विस्फोट के आरोपियों में ठाकुर, कुलकर्णी और पुरोहित के अलावा रमेश उपाध्याय, अजय रहिरकर, सुधाकर द्विवेदी और एस चतुर्वेदी शामिल हैं। ये सभी फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।

Case में 289 गवाहों के बयान पहले ही हो चुके हैं

प्रज्ञा ठाकुर (Pragya Thakur) और मामले के सह-आरोपी समीर कुलकर्णी (Co-accused Sameer Kulkarni) ने 2018 में दायर अपनी याचिकाएं (Petitions) यह कहते हुए वापस ले लीं कि विस्फोट मामले (Explosion Case) की सुनवाई अपने अंतिम चरण में है और 289 गवाहों के बयान पहले ही हो चुके हैं।

दूसरे आरोपी कर्नल प्रसाद पुरोहित ने भी अपनी याचिका वापस ले ली थी

एक अन्य आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित (Lt Col Prasad Purohit) ने अपनी विभिन्न याचिकाओं में से वह याचिका वापस ले ली जिसमें उन्होंने गैरकानूनी गतिविधियां निरोधक कानून (UAPA) के प्रावधानों के तहत उनके खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी को त्रुटिपूर्ण करार दिया था।

विशेष अदालत ने 2017 में याचिकाएं खारिज कर दी थीं

आरोप मुक्त करने संबंधी पुरोहित की याचिका पर उच्च न्यायालय में पिछले सप्ताह सुनवाई हुई थी और इस पर आदेश सुरक्षित रख लिया गया था। विशेष अदालत ने दिसंबर 2017 में इन आरोपियों की याचिकाएं खारिज कर दी थीं, जिसके बाद इन लोगों ने उच्च न्यायालय (High Court) का दरवाजा खटखटाया था।

ठाकुर की ओर से पेश वकील प्रशांत मग्गू (Advocate Prashant Maggu) ने गुरुवार को अदालत में दलील दी कि निचली अदालत में 289 गवाहों से जिरह (Cross Examination) हो चुकी है और ऐसे चरण में आरोपमुक्त किये जाने के लिए जोर देना उचित नहीं होगा, इसलिए उनकी मुवक्किल याचिका वापस लेने की अनुमति चाहती हैं। अदालत ने उनके इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया।