मध्यप्रदेश में विधानसभा के लिए मतदान होने के बाद कांग्रेस ने पार्टी संगठन में पदाधिकारियों की नियुक्तियां शुरू कर दी हैं। नई नियुक्ति में संजीव सक्सेना को प्रदेश इकाई का महासचिव बनाया है, सक्सेना पिछले दिनों व्यापमं घोटाले में जेल में भी रहे हैं। पार्टी के प्रदेश संगठन के उपाध्यक्ष चंद्र प्रभाष शेखर की ओर से मंगलवार को जारी आदेश में कहा गया है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की मंशानुसार संजीव सक्सेना को प्रदेश इकाई का महासचिव नियुक्त किया गया है। सक्सेना व्यापमं मामले में जेल में रहे हैं। इससे पहले पार्टी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले संजय मसानी को वारा-सिवनी से कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस हमेशा चौहान के रिश्तेदारों पर व्यापमं में शामिल होने का आरोप लगाती रही और फिर मसानी को उम्मीदवार बना दिया। पार्टी में इन फैसलों को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

सक्सेना पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारी में थे और पार्टी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देने का वादा किया था, संभावना जताई जा रही है कि उसी वादे के मुताबिक, सक्सेना को महासचिव बनाया गया है।

जबकि इससे पहरे अक्टूबर में शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर जिले के सिरोंज में पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री और व्यापमं घोटाले में जेल जा चुके लक्ष्मीकांत शर्मा के साथ मंगलवार को मंच साझा किया तो कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज पर हमला बोला था।

कमलनाथ ने बुधवार को ट्वीट किया था, “व्यापमं घोटाले में जमानत पर पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा शिवराज की अमानत हैं। जमानतदार, ‘राज की बात कह दूं तो जाने महफिल में फिर क्या हो।’ अमानतदार, ‘राज खुलने का तुम पहले जरा अंजाम सोच लो, इशारों को अगर समझो, राज को राज रहने दो।

कमलनाथ ने अपने ट्वीट के साथ एक वीडियो भी साझा किया था, जिसमें शिवराज के साथ शर्मा साफ नजर आ रहे थे। इस वीडियो में ‘राज की बात कह दूं तो’ गाने को अपलोड किया गया था।