उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में बुधवार देर रात कुछ बदमाशों ने एक महिला और उसके बेटे से चलती रेलगाड़ी में लूटपाट की और बाद में चलती रेलगाड़ी से नीचे फेंक दिया। सूचना पाकर घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने दोनों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया जहां उनका इलाज चल रहा है। पुलिस ने यह जानकारी गुरुवार को दी। पुलिस के अनुसार दोनों को गंभीर हालत में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां दोनों की हालत चिंताजनक बनी हुई है। घटना चंदौली-वाराणसी सीमा पर स्थित व्यासनगर क्रॉसिंग के पास हुई। बिजली के एक ठेकेदार ने इसकी जानकारी दी थी।
पुलिस ने बताया कि 30 वर्षीया ममता अपने तीन साल के बेटे के साथ आसनसोल एक्सप्रेस की जनरल बोगी में सवार होकर बरेली जा रही थी। इसी समय कुछ बदमाशों ने उनसे एक हजार रुपये छीन लिये और फिर ट्रेन से धक्का दे दिया। क्रॉसिंग से गुजर रहे बिजली ठेकेदार जनार्दन ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस के अनुसार महिला की हालत बेहद गंभीर है, इसलिए कई बातें पता नहीं चल पा रही हैं। हो सकता है महिला के साथ भी कुछ लोग ट्रेन में रहे हों। मामले की जांच की जा रही है।
गौरतलब है कि बीते साल नवंबर में नोएडा पुलिस और आरपीएफ ने दो ऐसे बदमाशों को गिरफ्तार किया था जो ट्रेन की पटरी पर दो रुपये का सिक्का फंसा ट्रेन को रोकते थे और इसके बाद लूटपाट की घटना को अंजाम देते थे। इन बदमाशों के काम करने का तरीके ने सबको हैरान कर दिया था। रंजन कुमार (22) और दिनेश कुमार (23) नाम के ये दोनों बदमाश ट्रेन की पटरी पर उस जगह दो रुपये का सिक्का फंसाते थे जहां पटरियां आपस में जुड़ी रहती है। इस जगह पर कुछ सेंटीमीटर खाली जगह होती है। इसी खाली जगह में ये लड़के सिक्का डालते। इसके बाद आगे का सिग्नल लाल हो जाता था और ट्रेन कुछ दूर चलकर रूक जाती थी। सिक्का डालने से सिग्नल लाल क्यों हो जाता था, इसकी वजह हम आपको बताएंगे लेकिन पहले इस गैंग के बारे में बताते हैं। इन दोनों के अलावा इस गैंग में दो और लोग शामिल थे जो फिलहाल फरार हैं। ये गैंग ग्रेटर नोएडा, दादरी और बुलंदशहर के ग्रामीण इलाकों से गुजरने वाली पटरियों के पास वारदात को अंजाम देता था।
