राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार में स्थित एक निजी विश्वविद्यालय में पढ़ रहे जम्मू-कश्मीर के नौ छात्रों और एक हॉस्टल वार्डन को पिछले सप्ताह टी-20 वर्ल्ड कप में भारत-वेस्टइंडीज मैच को लेकर छात्रावास के मेस में हुए झगड़े के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। मेवाड़ विश्वविद्यालय के मीडिया अधिकारी हरीश गुरनानी ने बुधवार को बताया कि संस्थान ने इन नौ छात्रों को निलंबित कर दिया है। ये छात्र सोमवार को जमानत पर रिहा कर दिए गए। इनके साथ ही उन सात छात्रों को भी रिहा कर दिया गया, जिन्हें 31 मार्च को विश्वविद्यालय परिसर में हंगामा करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। गुरनानी ने बताया कि 16 छात्रों को 25 अप्रैल तक निलंबित कर दिया गया है। आरोपी छात्रों ने भारत-वेस्टइंडीज के बीच क्रिकेट मैच के बाद छात्रावास मेंं उत्पात मचाया और आपस में हुए झगड़े में एक छात्र घायल हो गया। पुलिस ने घटना के संबंध में नौ छात्रों को गिरफ्तार किया।
उन्होंने बताया कि सभी छात्रों को सोमवार को जमानत पर रिहा कर दिया गया, जिसके बाद उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। गुरनानी के अनुसार, निलंबित छात्र स्नातक स्तर के हैं और उन्हें उनके संरक्षकों के साथ 25 अप्रैल को उपस्थित होने के लिए कहा गया है। विश्वविद्यालय के अधिकारी ने बताया कि संस्थान के प्रशासन ने निलंबित छात्रों के आगामी 25 अप्रैल तक छात्रावास में प्रवेश पर रोक लगा दी है। उन्हें 25 अप्रैल के बाद लिखित आवेदन के बाद दोनों पक्षों की सुनवाई के आधार पर विश्वविद्यालय में वापस लेने का निर्णय किया जाएगा।
31 मार्च को भारत-वेस्टइंडीज के मैच के बाद विद्यार्थियों में झगड़ा हो गया था। पिछले माह विश्वविद्यालय परिसर में कुछ कश्मीरी छात्रों द्वारा बीफ पकाए जाने की अफवाह को लेकर तनाव पैदा हो गया था और फिर चार कश्मीरी छात्रों को गिरफ्तार किया गया था। इन छात्रों को बाद में रिहा कर दिया गया और पुलिस ने कहा था कि पहली नजर में यह पाया गया कि मांस बीफ नहीं था। संस्थान के अधिकारी ने यह भी बताया कि छात्रावास के वार्डन नजबुल्ला शाहम के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। शाह्म जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं। एनआइटी श्रीनगर में भी मैच के बाद स्थानीय छात्रों और बाहरी छात्रों के बीच झगड़ा होने के बाद से तनाव व्याप्त है।