पथराव करने के लिए जेल गए युवाओं को ईद पर माफी मिलने की उम्मीद के साथ जम्मू-कश्मीर सरकार ने पर्व के पहले उनके मामलों की समीक्षा की प्रक्रिया शुरू की है।
राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पथराव करने के आरोपों में जेलों में बंद युवाओं के मामले में सोमवार को गृह विभाग से ईद से पहले समीक्षा करने को कहा ताकि उन्हें फिर से अपना करिअर बनाने का अवसर मिल सके। पुलिस महानिदेशक, जेल महानिदेशक और प्रधान सचिव (गृह) वाली एक कमेटी पथराव के आरोपों में जेलों में बंद विचाराधीन सभी युवाओं के मामलों की समीक्षा करेगी जिससे कि उन्हें जिम्मेदार नागरिक के तौर पर जीने का मौका मिल सके। उन्होंने सुबह राज्य की जेलों में सुधार लाने संबंधी उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता के दौरान यह बात कही। बुधवार को ईद मनाए जाने की उम्मीद है।

यह फैसला महबूबा की उस नीति की तर्ज पर है कि जघन्य अपराध में जो संलिप्त नहीं हैं, उन्हें नए अवसर के लिए रिहा किया जाना चाहिए। इससे पहले, पिछले महीने उन्होंने विधानसभा को बताया था कि सरकार 2008 के बाद से पथराव संबंधी सभी मामलों की समीक्षा कर रही है। जघन्य अपराधों में जो लिप्त नहीं थे, उन्हें रिहा किया जाएगा। कुछ को ईद के पहले रिहा किया जाएगा।

महबूबा ने पुलिस महानिदेशक के राजेंद्र कुमार को अनजाने में एलओसी पार करने वाले मानसिक विक्षिप्त पाकिस्तानी नागरिक को उसके देश भेजने का मामला भी देखने को कहा। वह व्यक्ति अभी जेल में है। उन्होंने कहा- उस शख्स को इतने समय तक जेल में क्यों रखा गया। वह गूंगा-बहरा है। मानसिक रूप से परेशान भी है। साथ ही कहा कि राज्य और उसकी कानून प्रवर्तन एजंसियों को ढीले-ढाले तरीके से काम नहीं करना चाहिए। उनका रुख और मानवीय होना चाहिए।

राज्य में जेल मैनुअल की समीक्षा और उन्नयन पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समीक्षा इस मकसद से होनी चाहिए कि जेल सुधार का केंद्र बने, सजा के केंद्र के तौर पर नहीं। उन्होंने केंद्रीय जेल को उसकी मौजूदा जगह शहर-ए-खास के काठी दरवाजा इलाके से स्थानांतरण के लिए श्रीनगर शहर के दायरे में वैकल्पिक स्थान चिन्हित करने को भी कहा।