मराठी लेखक और 18वें अखिल भारतीय साहित्य सम्मेलन के प्रेशर श्रीपाल सबनीस ने आरोप लगाया है कि उनके पीएम नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी करने को लेकर बीजेपी के दो सदस्यों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है। बता दें कि इससे पहले पिंपरी चिंचवाड़ की बीजेपी यूनिट ने श्रीपाल से मांग की थी कि वे पीएम पर अपने कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर माफी मांगें। शनिवार को सबनीस ने कहा कि अगर बीजेपी वाले उन्हें फांसी पर भी चढ़ा दें तो वे माफी नहीं मांगेंगे। 29 किताबें लिख चुके श्रीपाल ने मराठवाड़ा के उमरगा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है।
पुणे के रहने वाले श्रीपाल एक शिक्षण संस्थान में स्पीच देने मराठवाड़ा गए थे। उन्होंने कहा, ”शनिवार दोपहर एक बजे के आसपास मुझे दो फोन कॉल आए। फोन करने वालों ने मुझे मोदी के ऊपर टिप्पणी करने को लेकर माफी मांगने कहा। उन्होंने कहा कि अगर माफी नहीं मांगूंगा तो वे मुझे मार डालेंगे।” लेखक के मुताबिक, उन्होंने इस बारे में पुलिस के पास शिकायत दर्ज करा दी है। अब यह राज्य सरकार और सीएम की जिम्मेदारी है कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। बता दें कि शुक्रवार को बीजेपी की पिंपरी चिंचवाड़ यूनिट ने श्रीपाल का पुतला जलाया था। लेखक ने गुरुवार को मोदी पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था, ”जिस मोदी के कार्यकाल में गुजरात में नरसंहार हुए, मैं उन्हें नहीं स्वीकार कर सकता। हालांकि, मुझे इस मोदी से बिलकुल समस्या नहीं है जो बुद्ध और गांधी की बात करते हैं और जान का खतरा होने के बावजूद शांति स्थापित करने के लिए पाकिस्तान जाते हैं।” इसके बाद बीजेपी ने श्रीपाल को मराठी साहित्य सम्मेलन में शरीक होने से रोकने की धमकी दी। यह कार्यक्रम पिंपरी चिंचवाड़ में 15 जनवरी को होगा।
क्या कहना है लेखक का
श्रीपाल का दावा है कि उन्होंने कोई गलत बात नहीं की है, इसलिए माफी का सवाल ही नहीं उठता। वहीं, बीजेपी ने कहा है कि लेखक ने पीएम के खिलाफ कटु और असभ्य भाषा का इस्तेमाल किया। बीजेपी एमपी अमर साबले ने कहा, ”सबनीस ने लोकतांत्रिक ढंग से चुने गए पीएम के खिलाफ बेहद अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा है कि मोदी जैसे लोग चीखते हैं और विदेशों में घूमते हैं। यह बेहद आपत्तिजनक भाषा है। हम सबनीस को साहित्य सम्मेलन में शरीक नहीं होने देंगे। जब देश की सर्वोच्च अदालत ने मोदी को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया है तो कोई उनपर इस तरह कैसे ऊंगली उठा सकता है? क्या सबनीस को देश की सबसे बड़ी अदालत के फैसले पर भरोसा नहीं है।” एमपी ने कहा कि अगर लेखक माफी मांग लेते हैं तो इस मामले को यहीं खत्म कर दिया जाएगा।