एक जिला अदालत ने पांच साल पहले मल्कानगिरि के तत्कालीन जिलाधिकारी आर विनील कृष्णा का अपहरण करने के जुर्म में मंगलवार को एक महिला माओवादी व एक अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई। अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश बामशंकर मिश्रा ने तपन साहा और एम दिव्या उर्फ शांति को 16 फरवरी, 2011 को हुए आइएएस अधिकारी के अपहरण के लिए दोषी ठहराया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई।

साहा पूर्व सरकारी कर्मचारी हैं और वह ग्राम रोजगार सेवक का काम करता था। दिव्या माओवादी थी। अदालत ने हालांकि अन्य आरोपी घासीराम पांगी को सबूत की कमी के चलते बरी कर दिया। विनील कृष्णा और एक जूनियर इंजीनियर पबित्रा माझी 16 फरवरी, 2011 को सुदूर नक्सल प्रभावित चित्रकोंडा के दौरे पर गए थे, उस दौरान माओवादियों के एक समूह ने उन्हें अगवा कर लिया था।

वह पंचायत स्तरीय एक बैठक में हिस्सा लेने के बाद यहां जिला मुख्यालय शहर लौट रहे थे, रास्ते में माओवादियों ने उन्हें रोका और अगवा कर लिया। अपहर्ताओं ने पहले 22 फरवरी को जूनियर इंजीनियर को रिहा किया और सुरक्षाबलों का अभियान रोकने व जनजातीय विद्रोहियों को रिहा करने समेत अपनी मांगों की एक सूची भेजी। आइएएस अधिकारी को 24 फरवरी को रिहा किया गया।