Manipur Meiteis-Kukis: लंबे वक्त तक जातीय हिंसा की चपेट में रहे पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में एक बार फिर सरकार गठन की तैयारी में तेजी आती दिख रही है। मणिपुर में बीजेपी के 23 विधायकों ने शुक्रवार को एक अहम बैठक की। बैठक के बाद विधायकों ने बयान जारी कर कहा कि उन्होंने राज्य में सरकार के गठन का फैसला लिया है और इसके लिए वे अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को किनारे रखने के लिए तैयार हैं।
विधायकों का कहना था कि उन्होंने सरकार गठन के तरीकों पर चर्चा की और जनता के चुने हुए प्रतिनिधि के रूप में वे मानते हैं कि इस संकट का हल संभव है और ऐसा करना जरूरी भी है। विधायकों ने कहा है कि वह मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच बातचीत के लिए प्लेटफ़ॉर्म बनाने की वकालत करते हैं।
BJP विधायकों की राज्यपाल से मुलाकात को किस तरह देखता है केंद्रीय नेतृत्व?
बताना होगा कि लगातार खराब हालात के बाद एन. बीरेन सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था और 13 फरवरी से राज्य की विधानसभा निलंबित है।
मणिपुर की विधानसभा में कुल 60 सदस्य हैं जिसमें से बीजेपी के 37 विधायक हैं। इन 37 विधायकों में से सात कुकी-जो समुदाय से हैं और ये विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए। एक अहम बात यह है कि इस बैठक में पार्टी के वे विधायक शामिल हुए जिन्होंने एन. बीरेन सिंह के खिलाफ बगावत की थी और ऐसे विधायक भी शामिल हुए जो मुख्यमंत्री रहने के दौरान उनके समर्थन में थे।
हाल ही में एनडीए के 10 विधायक मणिपुर के राज्यपाल अजय भल्ला से मिले थे। उन्होंने राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर दावा किया था कि उनके पास 44 विधायकों का समर्थन है।
मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा
मणिपुर में मई, 2023 में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा शुरू हुई थी। इस हिंसा में अब तक हजारों लोग बेघर हो चुके हैं, सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और संपत्ति का भी अच्छा-खासा नुकसान हो चुका है।
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