चंडीगढ़ स्थित महेंद्र चौधरी जूलॉजिकल पार्क (छतबिर जू) में दो शेरों ने रविवार को एक शख्स को मार डाला। बताया जा रहा है कि करीब 20 वर्षीय यह युवक घग्गर नदी की तरफ से 30 फीट (10 फीट दीवार और 20 फीट जाली) ऊंची दीवार पार करके प्रतिबंधित इलाके में कूद गया था। करीब दो किलोमीटर इलाके में फैले इस सफारी में 4 शेर हैं, जिनमें से 2 को रविवार सुबह सैर के लिए खोल दिया गया था। फिलहाल मृतक की शिनाख्त नहीं हो सकी है।

एक ड्राइवर ने दी थी मामले की जानकारी : पैट्रोलिंग और रेस्क्यू टीम के प्रमुख रेंज ऑफिसर (एनिमल मैनेजमेंट) हरपाल सिंह ने बताया कि रविवार दोपहर पार्क में एक युवक के घुसने की जानकारी मिली। उसे महज 6 मिनट में बाहर निकाल लिया गया, लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। सफारी में टूरिस्ट मिनी बस के ड्राइवर जॉनी ने सबसे पहले युवक को देखा था। जॉनी ने बताया, ‘‘जब मैंने उसे देखा तो वह जिंदा था। उस वक्त ऐसा लगा जैसे वह युवक मानसिक रूप से बीमार है या नशे में है।’’

ड्राइवर ने युवक को बचाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुआ : जॉनी का दावा है कि शेरनी शिल्पा युवक को गर्दन से पकड़कर खींच रही थी। उसने मामले की जानकारी अपने ठेकेदार को दी, जिसके बाद अधिकारियों को सूचना मिली। जॉनी के मुताबिक, उसने शेरनी शिल्पा और शेर युवराज का ध्यान बंटाने के लिए बस का हॉर्न व सीटी भी बजाई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

नहीं हो सकी युवक की शिनाख्त : चिड़ियाघर के अधिकारियों के मुताबिक, मृतक की उम्र करीब 20 साल थी। उसकी आंखों, चेहरे, गर्दन और सीने पर गंभीर चोट लगीं। पुलिस को घटनास्थल से कोई भी मोबाइल या ऐसा दस्तावेज नहीं मिला, जिससे युवक की पहचान की जा सके। वहीं, इस हादसे के बाद चिड़ियाघर को तुरंत बंद कर दिया गया।

शेर से तो बचा लिया, लेकिन जान नहीं बचा पाए : हरपाल सिंह ने बताया, ‘‘रविवार दोपहर 2:22 बजे मुझे व अन्य ड्यूटी अफसर राकेश चंद्र, शिवजोत सिंह, मलकीत सिंह और पैट्रोलिंग ड्यूटी अफसर रूपिंदर सिंह समेत 15 अन्य को घटना की जानकारी मिली। इसके बाद लॉयन सफारी में एक युवक देखा गया। हम तुरंत मौके पर पहुंचे और उसे शेर से दूर ले गए। हालांकि, शेर उस पर पहले ही हमला कर चुके थे। हम उस युवक को तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन उसकी मौत हो गई।’’

यह नहीं पता युवक जू में कैसे घुसा : फील्ड डायरेक्टर एम सुधागर ने बताया, ‘‘शिल्पा और युवराज को लोगों को दिखाने के लिए रविवार सुबह खोला गया था। वहीं, 2 अन्य शेरनियां हेली और हीर पिंजरे में बंद थीं। जिस जगह से युवक चिड़ियाघर में घुसा, उस तरफ कोई बस्ती नहीं है। वहीं, दीवार के दूसरी तरफ सिर्फ घग्गर नदी बहती है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह युवक वहां क्या कर रहा था और उसने कैसे इतनी ऊंची दीवार और जाली की फेंसिंग पार कर ली?’’

चिड़ियाघर में 50 मीटर अंदर मिला युवक : सुधागर के मुताबिक, चिड़ियाघर की दीवार करीब 10 फीट ऊंची है, जिसके ऊपर 20 फीट ऊंची लोहे की जाली लगी है। इसके अलावा घग्गर नदी के किनारे मौजूद कच्ची सड़क और चिड़ियाघर के बीच एक खाई भी है। वह युवक चिड़ियाघर की दीवार से 50 मीटर अंदर पाया गया।

रोजाना की तरह हुई थी ड्रिल : सुधागर ने बताया कि रोज सुबह 9 बजे रेंज ऑफिसर सफारी में एक ड्रिल करते हैं। इसके तहत देखा जाता है कि दीवार के पास या अन्य किसी इलाके में किसी भी तरह का बाहरी जानवर या इंसान न आ गया हो। रविवार सुबह भी यह ड्रिल की गई। सब कुछ सामान्य मिलने पर दर्शकों के लिए चिड़ियाघर खोल दिया गया। फिलहाल मामले की जानकारी केंद्रीय जू अथॉरिटी को दे दी गई है।

अनुमान है कि डर की वजह से शेरों ने किया हमला : शेरों की देखभाल करने वालों ने बताया कि उन्हें रोजाना सुबह 10 बजे और शाम 5 बजे खाना खिलाया जाता है। इन दोनों शेरों को भी सुबह के वक्त खाना खिला दिया गया था। ऐसा लगता है कि अपने इलाके में मनुष्य को देखकर दोनों शेर घबरा गए और उन्होंने हमला कर दिया।

देश का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है छतबिर जू : 1977 में बना छतबिर जू देश का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है। किसी वक्त में पटियाला के महाराज का हंटिंग ग्राउंड रहा यह जू अब संरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। शेरों की घटती संख्या के बावजूद लॉयन सफारी आज भी दर्शकों के आकर्षण का केंद्र है। 1996 में यहां 87 शेर थे, जो अब सिर्फ 4 रह गए हैं। ऐसे में दो शेरों को पिंजरे में रखा जाता है और बाकी दो को सफारी के लिए खोल दिया जाता है।

20 साल पहले हुआ था ऐसा ही हादसा : छतबिर चिड़ियाघर में करीब 20 साल पहले भी ऐसा ही हादसा हुआ था। उस वक्त अक्टूबर 1999 में जम्मू निवासी एक ड्राइवर हिमालयन ब्लैक बियर के बाड़े में घुस गया था और मारा गया था। बताया जाता है कि वह युवक नशे में होने की वजह से भालू के बाड़े में गिर गया था।